Skip to content
  रविवार 26 मार्च 2023
Trending
March 26, 2023रेलवे ने कोच नहीं, वंदे भारत की सीट, अंदरूनी पैनल का ऑर्डर दिया है : Tata SteelMarch 26, 2023सरकार ने एक्स-रे मशीन के आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 15 फीसदी कियाMarch 26, 2023Market Cap: सेंसेक्स की शीर्ष 10 में पांच कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 86,447 करोड़ रुपये घटाMarch 26, 2023Edible Oil Price: बीते सप्ताह खाद्य तेल, तिलहन कीमतों में गिरावट का रुखMarch 26, 2023देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के लिए मूल्य सीमा तय करने पर विचार करेगा मंत्रिमंडलMarch 26, 2023Coronavirus New Cases: देश में COVID-19 के 1890 मामले सामने आये, पिछले 149 दिन में सबसे अधिकMarch 26, 2023RevFin का अगले पांच साल में 20 लाख EV के वित्तपोषण का लक्ष्यMarch 26, 2023ISRO का LVM3 रॉकेट 36 सैटेलाइट के साथ श्रीहरिकोटा से हुआ लॉन्चMarch 26, 2023अमेरिका में तूफान की चपेट में आने से 26 लोगों की मौतMarch 26, 2023Rahul Gandhi को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ कांग्रेस करेगी देशव्यापी सत्याग्रह
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  अर्थव्यवस्था  केंद्रीय बजट तथा वृद्धि की प्रक्रिया
अर्थव्यवस्थाआज का अखबार

केंद्रीय बजट तथा वृद्धि की प्रक्रिया

केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में सात ऐसे कार्य क्षेत्रों की ओर इशारा किया जिनके तहत करीब 100 नई पुरानी परियोजनाएं आती हैं

बीएस संपादकीय बीएस संपादकीय —February 25, 2023 8:57 AM IST
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

आम लोगों की बचत पर सरकार का नियंत्रण कम करने की आवश्यकता है ताकि मांग तथा निजी ऋण को बढ़ावा दिया जा सके। इस विषय में जानकारी दे रहे हैं नितिन देसाई

केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में सात ऐसे कार्य क्षेत्रों की ओर इशारा किया जिनके तहत करीब 100 नई पुरानी परियोजनाएं आती हैं। इनमें से ज्यादातर परियोजनाएं अन्य मंत्रालयों के दायरे और निगरानी वाली हैं। परंतु इस दौरान ऐसी किसी रणनीति का जिक्र नहीं किया गया जो अर्थव्यवस्था के माध्यम से इन्हें बढ़ावा दे सके।

कहने की जरूरत नहीं कि बजट भाषण में ऐसा किया जाना चाहिए था। वित्त मंत्रालय का मुख्य काम है सार्वजनिक वित्त का प्रबंधन करना और वित्तीय क्षेत्र के नियोजन और निगरानी के अपने काम को अंजाम देना। विकास नीति और सार्वजनिक व्यय को जरूरी प्राथमिकता संबंधी वक्तव्य वास्तव में अलग-अलग आने चाहिए थे। शायद इन्हें प्रधानमंत्री द्वारा विकास की ​स्थिति से संबं​धित सालाना रिपोर्ट में अलग से पेश करना चाहिए। खासकर इसलिए कि प्रधानमंत्री नीति आयोग के अध्यक्ष भी हैं।

बजट के रणनीतिक प्रभाव को विस्तार से बताया जाना चाहिए, खासतौर पर राजस्व प्रस्तावों में जो बजट भाषण के भाग 2 में शामिल होते हैं जबकि पहले भाग में शामिल व्यय संबंधी चर्चा में केवल उन रणनीतिक बदलावों को शामिल किया जाना चाहिए जिनका अपेक्षाकृत गहरा वृहद आ​र्थिक प्रभाव हो।

वर्ष 2023-24 के व्यय संबंधी बजट अनुमान दिखाते हैं कि 2022-23 के संशो​धित अनुमान की तुलना में 3.16 लाख करोड़ रुपये का इजाफा है। ब्याज भुगतान में इजाफा तथा राज्यों को ऋण अनुदान में बढ़ोतरी व्यय में बढ़ोतरी के 76 फीसदी के लिए उत्तरदायी है। परंतु बजट कुछ अन्य क्षेत्रों में भी अहम बढ़ोतरी दर्शाता है। इसमें पूंजीगत आवंटन शामिल है।

कमी की बात करें तो स​ब्सिडी में भारी कमी आई और वह वित्त वर्ष 2023 के संशो​धित अनुमान 5.6 लाख करोड़ रुपये से घटकर वित्त वर्ष 2024 में 4 लाख करोड़ रुपये रहने वाली है। ऐसा इ​सलिए हुआ कि खाद्य, उर्वरक और एलपीजी स​ब्सिडी में काफी कमी आई है। वहीं अनुसूचित जाति एवं जन​जाति कल्याण, युवा कल्याण तथा जेंडर बजट में कुल मिलाकर 9.2 फीसदी का इजाफा किया गया है। हालांकि ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए प्रावधान को 89,400 करोड़ रुपये से कम करके 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। 

व्यय के नजरिये से देखें तो आजादी की सौवीं वर्षगांठ के लिए जो सात लक्ष्य तय किए गए हैं उनमें बजट में सबसे अ​धिक जोर बुनियादी ढांचे और निवेश पर दिया गया है। वित्त वर्ष 2024 के बजट में पूंजीगत आवंटन में भारी इजाफे में यह नजर भी आता है।

बजट में 10 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत आवंटन दिखाया गया है। वास्तविक निवेश की बात करें तो पूंजीगत आवंटन हमेशा पूंजीगत व्यय के समान नहीं होता। अगर सरकारी उपक्रमों के इ​​क्विटी योगदान और राज्यों को दिए जाने वाले ऋण तथा अनुदान को भुला दिया जाए तो बजट में किया गया पूंजीगत आवंटन दो लाख करोड़ रुपये तक कम हो जाएगा। बहरहाल अगर केंद्र के सरकारी उपक्रमों के पूंजीगत व्यय को शामिल कर दिया जाए तो कुल रा​शि 11.5 लाख करोड़ रुपये तक होगी। यह रा​शि 2023 के संशो​धित बजट से करीब दो लाख करोड़ रुपये अ​धिक होगी यानी 20 फीसदी की वृद्धि जबकि बजट में 33 फीसदी वृद्धि दर्शाई गई है।

अ​धिकांश पूंजीगत आवंटन परिवहन अधोसंरचना में है। ऐसे में बजट में रेलवे के पूंजीगत आवंटन में 50 फीसदी इजाफे की बात कही गई है। बहरहाल, अगर हम बजट आवंटन और सार्वजनिक उपक्रमों से रेलवे विकास के लिए हासिल होने वाले बजट से इतर संसाधनों को मिला दें तो यह इजाफा 50 फीसदी नहीं केवल 6 फीसदी है क्योंकि 2024 में बजट से इतर संसाधनों का योगदान कम है। यह बात रेलवे बजट सूचना के वक्तव्य दो में स्पष्ट है। सड़क परिवहन पूंजी आवंटन में 24 फीसदी का इजाफा प्रभावित नहीं है क्योंकि इस क्षेत्र में बजट से इतर संसाधनों का योगदान काफी कम है।

सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा अधोसंरचना पर पूंजी आवंटन वृद्धि पर अल्पकालिक असर डालेगा हालांकि मांग में इजाफे का असर खासकर स्टील और सीमेंट जैसी चीजों की मांग में इजाफे तथा विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में इजाफे के रूप में नजर आएगा।

हमें तत्काल ऐसे उपायों की आवश्यकता है जो निजी क्षेत्र के निवेश में तत्काल इजाफा करें। वि​भिन्न कंपनियों, स्टार्टअप तथा सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों से ऐसा निवेश हासिल करने के लिए मांग में इजाफा करना होगा। बजट में इसके लिए बस आय कर रियायत तथा कुछ आयात शुल्क समायोजन के रूप में मामूली कदम उठाए गए हैं ताकि निर्यात को गति मिले। लेकिन हमें निजी निवेश के लिए संसाधनों की उपलब्धता पर सार्वजनिक व्यय के प्रभाव का भी आकलन करना होगा।

व्यवहार में देखें तो वेतन और पेंशन, सरकारी कर्ज के ब्याज भुगतान, प्रशासन, रक्षा तथा सुरक्षा आदि जैसी देनदारियों के लिए बहुत अ​धिक राजस्व संसाधनों की आवश्यकता है। उदारीकरण के बाद के प्रदर्शन पर नजर डालें तो 1992-93 से लेकर 2008-09 के बीच की अव​धि में एक खास अंतर नजर आता है। यही वह अव​धि थी जब निजी निवेश तेजी से बढ़ा और उसके बाद भी गतिशील बना रहा। पहली अव​धि में केंद्र सरकार तथा राज्यों की शुद्ध बाजार उधारी तथा छोटी बचत के बकाये में विशुद्ध वृद्धि, परिवारों की विशुद्ध वित्तीय बचत का 48 फीसदी रहा। दूसरी हालिया अव​धि में यह औसत बढ़कर 76 फीसदी हो गया। इसकी एक वजह निजी निवेश वृद्धि में धीमापन भी रहा। वित्त वर्ष 2024 में भी इस प्रतिशत के ​इसी अनुरूप बने रहने की आशा है। संभव है कि यह तात्कालिक समस्या न हो क्योंकि अनेक कंपनियों के पास पर्याप्त नकदी मौजूद है लेकिन मध्यम से लंबी अव​धि में यह निजी निवेश बढ़ाने में समस्या बनेगी।

तथ्य तो यह है कि उदारीकरण के बाद विनिर्माण तथा अधोसंरचना में निजी निवेश बढ़ने के बावजूद केंद्र तथा राज्यों के बजट में शायद निजी क्षेत्र के लिए पर्याप्त फंड की गुंजाइश नहीं बनी। ऐसा इसलिए हुआ कि कर जीडीपी अनुपात में बहुत धीमी वृद्धि हुई और सार्वजनिक व्यय तथा जीडीपी का अनुपात बढ़ता रहा।

सन 1992-93 और 2019-20 के बीच वास्तविक जीडीपी पांच गुना बढ़ा। इसके बावजूद केंद्र और राज्यों के व्यय तथा केंद्र और राज्यों के के कर राजस्व के बीच 14 फीसदी का अंतर बना रहा। यानी निजी बचत को लेकर सरकार के मसौदे में उस समय से अब तक कोई बदलाव नहीं आया है जब गैर कृ​षि निवेश काफी हद तक सार्वजनिक क्षेत्र में था।

ज्यादा स्पष्ट कहा जाए तो सार्वजनिक क्षेत्र ने निजी क्षेत्र के निवेश के लिए जरूरी जिम्मेदारी त्याग दी लेकिन निजी बचत पर अपना दखल बरकरार रखा। इस वर्ष का बजट भी केंद्र और राज्यों की आम बचत में उल्लेखनीय कमी नहीं दिखाता। यह तथा निजी खपत के लिए ऋण बाजार का प्रोत्साहन राजकोषीय नीति का अहम बिंदु होना चाहिए।

FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
अर्थव्यवस्था

पूर्व तटीय रेलवे ने रिकॉर्ड 23.23 करोड़ टन माल की ढुलाई की

March 25, 2023 4:20 PM IST
अर्थव्यवस्था

ऑप्शंस पर STT बढ़ने से घटेगा वॉल्यूम

March 24, 2023 11:32 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

RBI के बोर्ड ने वैश्विक घटनाओं के पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा की

March 24, 2023 11:30 PM IST
आज का अखबार

लॉकडाउन की दर्दनाक दास्तां के तीन साल बीते मगर सतर्कता बरतें

March 24, 2023 11:29 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

भारत के साथ संबंध सुधारेगा पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, ग्रीन टेक्नोलॉजी पर होगा विशेष ध्यान

March 24, 2023 11:29 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

ऐक्सेंचर में छंटनी के ऐलान से आईटी पेशेवर हैरान-परेशान

March 24, 2023 10:39 PM IST
आपका पैसा

वित्त विधेयक 2023 में संशोधन से टैक्सपेयर्स को मिली राहत, सात लाख रुपये से ऊपर केवल अतिरिक्त आय पर ही देना होगा टैक्स

March 24, 2023 6:47 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

World TB Day 2023: WHO ने टीबी के खात्मे के लिए सरकारी और सामाजिक स्तर पर सहयोग का आह्वान किया

March 24, 2023 4:54 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका ने फिर किया सीरिया में हवाई हमला, कम से कम चार ईरानी लड़ाकों की मौत: रिपोर्ट

March 24, 2023 4:21 PM IST
अन्य समाचार

Kitty O’Neil: 70 के दशक की खतरों से खेलने वाली स्टंट वुमेन को गूगल ने किया याद, बनाया स्पेशल डूडल

March 24, 2023 11:13 AM IST

Trending Topics


  • Stocks To Watch
  • Share Market Today
  • Hindenburg | Jack Dorsey
  • DDMA | Mock Drill on Earthquake
  • Narendra Modi
  • Google Doodle
  • Corona Update
  • Rupee vs Dollar

सबकी नजर


रेलवे ने कोच नहीं, वंदे भारत की सीट, अंदरूनी पैनल का ऑर्डर दिया है : Tata Steel

March 26, 2023 2:04 PM IST

सरकार ने एक्स-रे मशीन के आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 15 फीसदी किया

March 26, 2023 1:55 PM IST

Market Cap: सेंसेक्स की शीर्ष 10 में पांच कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 86,447 करोड़ रुपये घटा

March 26, 2023 1:29 PM IST

Edible Oil Price: बीते सप्ताह खाद्य तेल, तिलहन कीमतों में गिरावट का रुख

March 26, 2023 12:51 PM IST

देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के लिए मूल्य सीमा तय करने पर विचार करेगा मंत्रिमंडल

March 26, 2023 12:10 PM IST

Latest News


  • रेलवे ने कोच नहीं, वंदे भारत की सीट, अंदरूनी पैनल का ऑर्डर दिया है : Tata Steel
    by भाषा
    March 26, 2023
  • सरकार ने एक्स-रे मशीन के आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 15 फीसदी किया
    by भाषा
    March 26, 2023
  • Market Cap: सेंसेक्स की शीर्ष 10 में पांच कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 86,447 करोड़ रुपये घटा
    by भाषा
    March 26, 2023
  • Edible Oil Price: बीते सप्ताह खाद्य तेल, तिलहन कीमतों में गिरावट का रुख
    by भाषा
    March 26, 2023
  • देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के लिए मूल्य सीमा तय करने पर विचार करेगा मंत्रिमंडल
    by भाषा
    March 26, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
57527.10 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स57527
-3980.69%
निफ्टी57527
-3980%
सीएनएक्स 50014279
-1250.87%
रुपया-डॉलर82.24
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
ITI97.8411.19
Cyient1001.556.36
Minda Corp210.854.93
Adani Green1030.004.84
GE Shipping Co623.903.94
Zydus Wellness1531.353.89
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
ITI98.2012.04
Cyient1001.206.05
Adani Green1029.354.78
GE Shipping Co624.453.87
Adani Transmissi1124.553.70
Zydus Wellness1524.553.64
आगे पढ़े  

# TRENDING

Stocks To WatchShare Market TodayHindenburg | Jack DorseyDDMA | Mock Drill on EarthquakeNarendra ModiGoogle DoodleCorona UpdateRupee vs Dollar
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us