भारतीय इक्विटी बाजारों में गुरुवार को तेजी बरकरार रही। आईटी दिग्गजों में तेजी और पश्चिमी दुनिया में दर वृद्धि चरम पर पहुंच जाने की उम्मीद से पैदा हुई सकारात्मक धारणा के बीच बाजार में तेजी आई।
सेंसेक्स 306 अंक या 0.5 प्रतिशत चढ़कर 65,982 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 89 अंक चढ़कर 19,765 अंक पर बंद हुआ। गुरुवार की क्लोजिंग दोनों सूचकांकों के लिए चार सप्ताह में सबसे अधिक है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) दूसरे दिन भी शुद्ध खरीदार रहे। उन्होंने करीब 960 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक 706 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे।
आईटी दिग्गजों इन्फोसिस, टीसीएस और एचसीएल टेक ने सेंसेक्स की तेजी में योगदान दिया। अमेरिका में बड़े निवेश से जुड़ी आईटी कंपनियों में इस उम्मीद से तेजी आई कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व और अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए अपने दर-वृद्धि अभियान के करीब हैं।
एवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘वित्तीय नतीजों के बाद आईटी शेयरों में गिरावट आई और कमजोर मूल्यांकन से इनमें सुधार देखा जा रहा है।’
इस सप्ताह अमेरिका और ब्रिटेन में मुद्रास्फीति नरम पड़ने के बाद इक्विटी बाजारों में तेजी आ रही है। अमेरिका में मुख्य उपभोक्ता कीमत सूचकांक (खाद्य एवं ऊर्जा लागत को छोड़कर) सितंबर से 0.2 प्रतिशत चढ़ा। इससे अमेरिका में इक्विटी निवेशकों में उत्साह बढ़ा है, क्योंकि उनको लग रहा है कि अमेरिकी फेड अब दर वृद्धि रोक देगा।
उन्हें उम्मीह है कि अगले साल जुलाई तक 50 आधार अंक तक की कटौती हो सकती है। इसी तरह ब्रिटेन में भी मुद्रास्फीति घटकर दो साल में निचले स्तर पर आ गई है।
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि मजबूत आय परिदृश्य और वृद्धि की संभावनाओं से इक्विटी में और तेजी की गुंजाइश बढ़ेगी।