रूस में रहने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अमेरिकी ऊर्जा बास्केट में कारोबार करने के लिए भारतीय बाजार का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे अमेरिका द्वारा रूस पर लगाए गए सख्त प्रतिबंधों से बचा जा सकेगा। इस मामले से अवगत सूत्रों ने यह जानकारी दी। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) नाइमैक्स डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल ऐंड नैचुरल गैस (हेनरी हब) डेरिवेटिव अनुबंध में सोमवार से खरीद-फरोख्त शुरू करेगा। ये दोनों वैश्विक मानक व्यापारियों और ऊर्जा बाजार के प्रतिभागियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
आम तौर पर रूसी निवेशकों की इन डेरिवेटिव श्रेणी तक आसान पहुंच नहीं होती है। हालांकि, उनमें से कुछ भारत में एफपीआई के रूप में पंजीकृत हैं और इस प्रकार वे घरेलू कमोडिटी बाजार में स्वतंत्र रूप से भाग ले सकते हैं। नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (एनएसडीएल) से प्राप्त पंजीकरण डेटा के अनुसार, रूस की तीन इकाइयों-अल्फा कैपिटल मैनेजमेंट कंपनी से दो और व्सेवोलोद रोजानोव से एक इकाई-ने हाल में भारत में पंजीकरण कराया है।
एक सूत्र ने कहा, ‘कई रूसी कंपनियां, खासकर एफपीआई और कमोडिटी बाजार के प्रतिभागियों की पहुंच एक्सचेंज के जरिये कारोबार होने वाले ऊर्जा बास्केट के ऐसे तरल डेरिवेटिव में लेनदेन करने के लिए अन्य वैश्विक प्लेटफॉर्म तक नहीं है। इसकी मुख्य वजह प्रतिबंध और उनकी वैश्विक स्थिति है। हालांकि इसमें इन कंपनियों की दिलचस्पी काफी दिख रही है क्योंकि वे इन उत्पादों के लिए प्रमुख एक्सचेंज से जुड़ रही हैं।’
एनएसई ने इन उत्पादों को घरेलू बाजार में उतारने के लिए अमेरिका के सीएमई ग्रुप के साथ डेटा लाइसेंसिंग समझौता किया है। सीएमई ग्रुप दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव मार्केटप्लेस है। डेरिवेटिव अनुबंधों की खरीद-फरोख्त रुपये में होगी और उनका निपटान नकदी में किया जाएगा। एनएसई की क्लियरिंग कॉरपोरेशन इकाई एनएसई क्लियरिंग ऐसे लेनदेन के लिए क्लियरिंग एवं निपटान की जिम्मेदारी संभालेगी। उद्योग के प्रतिभागियों का कहना है कि घरेलू एक्सचेंज ट्रेडेड कमोडिटी डेरिवेटिव (ईसीटीडी) पिछले कुछ वर्षों के दौरान हुए नियामकीय बदलावों के कारण दिशा बदलने के कगार पर पहुंच चुका है।
बाजार नियामक सेबी ने सितंबर 2022 में नकद निपटान वाले गैर-कृषि जिंस डेरिवेटिव अनुबंधों और सूचकांकों में एफपीआई की भागीदारी की अनुमति दी थी। इस प्रकार की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों को अनुमति दी थी कि वे एफपीआई को ईटीसीडी के लिए सीधे तौर पर बाजार पहुंच की पेशकश करे।
उद्योग प्रतिभागियों का कहना है कि एनवाईएमईएक्स डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल ऐंड नैचुरल गैस (हेनरी हब) डेरिवेटिव्स अनुबंध के लॉन्च से व्यापक अपील होगी और यह केवल किसी एक विशेष क्षेत्राधिकार से संबंधित एफपीआई के लिए ही नहीं होगा। एक अधिकारी ने कहा, ‘भारत में एफपीआई की एक दमदार सूची है। ऊर्जा डेरिवेटिव्स अनुबंध में वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक कारोबार होता है। विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के निवेशक लाभ कमाने के साथ-साथ मूल्य निर्धारण में खामियों का पता लगाने के लिए विभिन्न जगहों पर दांव लगाना पसंद करते हैं।’