Stock Market: कच्चे तेल (Crude Oil Prices) की कीमतों में तेजी, बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने और वित्तीय क्षेत्र के शेयरों में नरमी की चिंता से शेयर बाजार में आज तेज गिरावट दर्ज की गई। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (Bse Sensex) का सेंसेक्स 551 अंक के नुकसान के साथ 65,877 पर बंद हुआ।
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nse Nifty) 140 अंक नीचे 19,671 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप में 0.9 फीसदी और स्मॉलकैप में 0.34 फीसदी गिरावट देखी गई।
गाजा के एक अस्पताल में विस्फोट से पश्चिम एशिया में शांति बहाली के प्रयास को झटका लगा है जिसका असर कच्चे तेल की कीमतों पर भी दिखा। कच्चा तेल 1.2 फीसदी चढ़कर करीब 94 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
गाजा (Gaza Blast) में यह धमाका अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के इजरायल आने से कुछ घंटे पहले हुआ था। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस हादसे में 500 लोगों की मौत हो गई। मंत्रालय ने इसके लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है।
कच्चे तेल के दाम बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर
इस बीच जॉर्डन और मिस्र के नेताओं तथा फिलिस्तीन अथॉरिटी ने बाइडन के साथ होने वाली बैठक रद्द कर दी। कच्चे तेल के दाम बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है क्योंकि देश अपनी जरूरत का तीन-चौथाई से भी ज्यादा तेल आयात करता है। ईरान ने इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्यों से इजरायल को तेल आपूर्ति बंद करने तथा अन्य प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है।
अवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘ईरान के प्रतिबंध लगाने के आह्वान के बाद पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ सकता है। बाजार उम्मीद कर रहा था कि कूटनीति के जरिये मामला शांत हो जाएगा मगर अब विवाद और गहराने की आशंका है। स्थिति और बिगड़ी तो तेल के दाम चढ़ेंगे, जिससे बाजार में गिरावट आ सकती है।’
इस बीच अमेरिका में उपभोक्ता खर्च और औद्योगिक उत्पादन के सितंबर के आंकड़े मजबूत रहने से लग रहा है कि ब्याज दरों में और इजाफा हो सकता है। इसकी वजह से बॉन्ड बाजार में भी नई बिकवाली हुई है।
अमेरिका में 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड 4.84 फीसदी
अमेरिका में औद्योगिक उत्पादन 0.3 फीसदी बढ़कर 103.6 पर पहुंच गया, जो दिसंबर 2018 के बाद सबसे अधिक है। सितंबर में उपभोक्ताओं की अच्छी मांग और कच्चे तेल में तेजी से केंद्रीय बैंकों के लिए मुद्रास्फीति के खिलाफ जंग पेचीदा हो गई है।
साथ ही ब्याज दर लंबे अरसे तक ऊंची बनी रहने का जोखिम भी बढ़ गया है। अमेरिका में 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड 4.84 फीसदी चल रही थी, जो सितंबर 2007 के बाद उच्चतम स्तर है।
उधर चीन में उम्मीद से बेहतर आर्थिक वृद्धि से निवेशकों को थोड़ा करार मिला है। जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था 4.9 फीसदी बढ़ी है, जो चीनी सरकार द्वारा दिए गए प्रोत्साहन उपायों के असर को दर्शाता है।
मोतीलाल ओसवाल में रिटेल शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘इजरायल-गाजा के बीच तनाव खत्म होने तक निवेशकों का हौसला कमजोर बना रह सकता है। लेकिन तिमाही नतीजों की घोषणा के साथ कुछ शेयरों में तेजी दिख सकती है।’
बीएसई पर आज 2,322 शेयर नुकसान में और 1,386 शेयर लाभ में बंद हुए। सेंसेक्स में तीन शेयरों को छोड़कर सभी गिरावट में रहे। एचडीएफसी बैंक 1.4 फीसदी नीचे बंद हुआ और सेंसेक्स की गिरावट में सबसे ज्यादा हाथ इसका ही रहा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries Share) 1.36 फीसदी लुढ़ककर बंद हुआ। बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के नतीजों में मार्जिन पर दबाव की आशंका से निफ्टी बैंक सूचकांक में 1.2 फीसदी गिरावट आई।