पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि Domestic LPG Cylinder Price में 200 रुपये प्रति सिलिंडर कटौती का बोझ सरकार वहन करेगी। यह सरकार की तेल विपणन कंपनियों के लिए बड़ी राहत होगी। सीएनबीसी-टीवी 18 के साथ एक विशेष साक्षात्कार में पुरी ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को रसोई गैस सिलिंडर की कीमत में कटौती करने की घोषणा की थी, जिससे ग्राहकों पर महंगाई का बोझ कम किया जा सके। बहरहाल इस कदम से ओएमसी में घबराहट हो गई थी, जिन्हें इसे करीब 7,500 करोड़ रुपये घाटे की संभावना है।
भारत में कुल 31.4 करोड़ घरेलू रसोई गैस उपभोक्ता
सरकार के आंकड़ों के मुताबिक भारत में कुल 31.4 करोड़ घरेलू रसोई गैस उपभोक्ता हैं। कीमत में कटौती के बाद दिल्ली में घरेलू रसोई गैस सिलिंडर की कीमत (LPG Cylinder Price) अब 903 रुपये प्रति सिलिंडर होगी।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि कीमत में कटौती की घोषणा के बाद तेल विपणन कंपनियां जल्द ही घाटे की भरपाई के लिए सरकार से अनुदान पाने की उम्मीद कर सकती हैं।
एलपीजी सेग्मेंट में घाटे की संभावना नहीं
उधर विश्लेषकों का कहना है कि अगर अनुदान नहीं भी मिलता है को एलपीजी सेग्मेंट में घाटे की संभावना नहीं है, क्योंकि एलपीसी की खुदरा कीमत में पिछली बढ़ोतरी के बाद से प्रोपेन की कीमत गिरी है।
सरकार द्वारा संचालित ओएमसी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (एचपीसीएल) देश में रसोई गैस सिलिंडर बेचने वाली 3 मुख्य कंपनियां हैं।
सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘तीन सरकारी ओएमसी को एकमुश्त अनुदान दिया जाएगा, जिससे हाल की कीमतों में कटौती से उनको संभावित नुकसान से बचाया जा सके।’ अधिकारी ने कहा कि अनुदान के आकार के बारे में जल्द ही चर्चा की जाएगी।
सरकार ने अक्टूबर 2022 में 3 ओएमसी के लिए 22,000 करोड़ रुपये एकमुश्त अनुदान की मंजूरी दी थी। केंद्र का तर्क है कि इस भुगतान से ओएमसी को बाधारहित घरेलू गैस आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
तीनों तेल विपणन कंपनियों के शेयर गिरे
तीनों तेल विपणन कंपनियों के अधिकारियों ने इस मसले पर कुछ भी प्रतिक्रिया देने से इनकार किया। कीमतों में कटौती की घोषणा के बाद बुधवार को इन सभी 3 ओएमसी का शेयर बाजार में प्रदर्शन प्रभावित हुआ। एचपीसीएल के शेयर 2.44 प्रतिशत गिरकर बंद हुए। वहीं बीपीसीएल के शेयर 1.39 प्रतिशत और आईओसी के शेयर अपनी पहले की बंदी से 1.18 प्रतिशत नीचे आए।
इन ओएमसी पर नजर रखने वाले विश्लेषकों को नहीं लगता कि प्रोपेन की मौजूदा कीमत पर एलपीजी सेग्मेंट में इस कीमत कटौती का मुनाफे पर कोई बड़ा असर पड़ने वाला है। भारत में एलपीजी की कुल जरूरतों का 60 प्रतिशत से ज्यादा आयात से पूरा होता है, जिसमें प्रोपेन प्रमुख इनपुट है।
एक तेल एवं गैस विश्लेषक ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा, ‘प्रोपेन का सऊदी कॉन्ट्रैक्ट मूल्य 385 डॉलर है, जो अक्टूबर और उसके बाद बढ़कर 560 से 570 डॉलर पर पहुंचने की संभावना है। प्रोपेन के मौजूदा भाव के हिसाब से देखें तो कोई नुकसान नहीं होगा।’
उन्होंने कहा कि इसके पहले एलपीजी की कीमत ज्यादा बनाए रखे जाने के कारण ओएमसी के पास के पास उल्लेखनीय अधिशेष आ गया है, जिससे अक्टूबर के प्रोपेन के स्तर पर भी मदद मिलेगी।