वित्त प्रौद्योगिकी (Fintech) कंपनियों का मानना है कि पिछले सप्ताह असुरक्षित कर्ज पर भारतीय रिजर्व बैंक के आदेश का प्रभाव अगले छह महीने से एक साल के दौरान देखने को मिल सकता है। इस कारण कंपनियों को अपने सुरक्षित पोर्टफोलियों में विविधता लानी होगी और उसे मजबूत करना होगा।
बैंकों या गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों (NBFC) से रकम जुटाने वाली फिनटेक कंपनियां अपने कुल पोर्टफोलियो के कम से कम 40 फीसदी तक सुरक्षित पोर्टफोलियो बनने की कोशिश कर रही हैं।
कर्ज देने वाली फिनटेक जाइप के संस्थापक योगी सदाना ने कहा, ‘अपनी उत्पाद रणनीति के हिस्से के तहत हम मध्यम से लेकर दीर्घावधि तक वाले सुरक्षित उत्पादों का मूल्यांकन कर रहे हैं। इन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्षम किया जा सकता है। यह हमारी उत्पाद रणनीति का हिस्सा है।’
रिजर्व बैंक ने बैंकों और एनबीएफसी के लिए व्यक्तिगत ऋण और क्रेडिट कार्ड के लिए मानदंड सख्त किए हैं। बैंकों और एनबीएफसी को अपनी पूंजी आवश्यकताओं को बढ़ाकर ऐसी उधारी के लिए अलग रखना होगा। इसने खुदरा कर्ज पर जोखिम भार 100 से बढ़ाकर 125 फीसदी किया है। व्यक्तिगत ऋण और क्रेडिट कार्ड इसी श्रेणी में आते हैं। हालांकि इससे शिक्षा, वाहन, गृह और स्वर्ण ऋण अलग हैं।
केंद्रीय बैंक के निर्देशों के अनुरूप फिनटेक अपनी विविधीकरण रणनीति के हिस्से के रूप में स्वर्ण ऋण जैसे सुरक्षित उत्पादों के अन्य रूपों पर विचार कर सकते हैं।
क्रेडिटबी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी मधुसूदन एकंबरम ने कहा, ‘कोई इसे विविधकरण के तौर पर देख सकता है। कोई स्वर्ण ऋण भी ले सकता है क्योंकि यह एक सुरक्षित उत्पाद है।’
फिनटेक कंपनियों का मानना है कि रिजर्व बैंक के आदेशों का तत्त्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।