संसद की श्रम व कौशल की स्थायी समिति ने कुशल श्रमबल तैयार करने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में प्लेसमेंट सेल स्थापित करने की जरूरत पर बल दिया।
समिति ने शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि आईटीआई के पारिस्थितिकीतंत्र के असली प्रभाव को जानने के लिए प्लेसमेंट सेल जरूरी है। समिति ने कौशल विकास मंत्रालय से कहा कि वह आईटीआई में प्लेसमेंट और उद्यमिता सेल स्थापित करने पर ‘गंभीरता’ से कार्य करे। आईटीआई का लघु व मध्यम उद्यमों से समन्वय स्थापित करवाया जाए।
इस रिपोर्ट में प्रशिक्षण महानिदेशालय की कार्यप्रणाली की जांच भी की गई। इस रिपोर्ट के मुताबिक, ‘आईटीआई से उत्तीर्ण हुए छात्रों के आंकड़े को एकत्रित करने और उन्हें सुरक्षित करने के ऐसे समझौते से परस्पर मदद मिल सकती है।’
समिति के अनुसार आईटीआई के पारिस्थितिकीतंत्र के वास्तविक प्रभाव को जानने के लिए नौकरी प्राप्त करने वाले के आंकड़ों का विश्लेषण करना जरूरी है। इससे पारिस्थितिकीतंत्र के कमजोर पक्षों की पहचान हो सकती है और इन्हें नीतिगत हस्तेक्षप के जरिये दूर किया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘समिति ने आईटीआई से उत्तीर्ण हुए छात्रों के आंकड़ों को अनिवार्य रूप से अपलोड करने की जरूरत पर बल दिया। इस कार्य को प्रशिक्षण महानिदेशालय अंजाम दे। इस क्रम में आईटीआई से उत्तीर्ण हुए छात्रों के रोजगार की स्थिति पर विस्तृत आंकड़े एकत्रित करने की जरूरत पर बल दिया।’
प्रशिक्षण महानिदेशालय ने सवाल के जवाब में कहा था कि सटीक उपलब्ध नहीं है। हालांकि यह जानकारी है कि स्नातक करने वालों की रोजगार दर कहीं अधिक है। आईटीआई से उत्तीर्ण होने वाले कई छात्रों ने विभिन्न उद्योगों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इनमें से कई छात्रों को स्थायी नौकरी भी मिल गई है। हालांकि कई छात्रों ने उच्च शिक्षा के विकल्प को चुना है।
समिति ने प्रशिक्षण महानिदेशालय को आईटीआई में नए दौर के पाठ्यक्रमों तत्काल शुरू करने की जरूरत पर बल दिया। उद्योगों में नए पाठ्यक्रमों जैसे आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, मेकट्रॉनिक्स, डेटा एनलाटिक्स आदि तेजी से बढ़ते क्षेत्र हैं और इनमें रोजगार भी बढ़ेगा।