नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने उड़ानों में देर होने पर यात्रियों को मुआवजे के संबंध में अपने नियमों के कथित उल्लंघन के लिए एयर इंडिया (Air India) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
यात्रियों को मुआवजे से संबंधित नियमों के उल्लंघन के लिए एयर इंडिया (air india) का नियामक की जांच के दायरे में आने का यह पहला मामला नहीं है। पिछले साल जून में वैध टिकट वाले यात्रियों को बोर्डिंग से वंचित करने पर जरूरी मुआवजा नहीं देने के लिए नियामक ने एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
नियामक ने कहा है कि यात्री-केंद्रित सीएआर (नागरिक विमानन नियमों) का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए डीजीसीए ने मई 2023 से निरंतर आधार पर विभिन्न प्रमुख हवाई अड्डों पर अनुसूचित घरेलू एयरलाइनों का निरीक्षण किया।
एयरलाइनों के निरीक्षण के दौरान यह देखा गया था कि एयर इंडिया सीएआर से संबंधित प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर रही थी।
मंगलवार को जारी नियामक के बयान के अनुसार ऐसे में एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी कर सीएआर के प्रावधानों का अनुपालन न करने पर जवाब मांगा गया है।
डीजीसीए के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि एयरलाइन विलंबित उड़ानों के लिए यात्रियों को पर्याप्त मुआवजा नहीं देती है। इस मामले में एयर इंडिया ने बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों का जवाब नहीं दिया।
नियमों के अनुसार अगर किसी उड़ान में दो से छह घंटे की देर होती है, तो यात्रियों को भोजन और जलपान मिलना चाहिए। छह घंटे से अधिक की देर होने पर एयरलाइंस को या तो छह घंटे के भीतर वैकल्पिक उड़ान उपलब्ध करानी चाहिए या फिर टिकट का पूरा पैसा।