बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDB) को निजी क्षेत्र से 240 अरब डॉलर के निवेश को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इसके लिए एमडीबी को अपना नजरिया बदलना चाहिए। यह बात बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने पर जी20 के स्वंतत्र विशेषज्ञ समूह की दूसरी रिपोर्ट में कही गई है।
इसमें कहा गया है कि बहुपक्षीय विकास बैंकों को एक समग्र संस्थान के दृष्टिकोण को अपनाते हुए निजी निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत है। साथ ही यह भी कहा गया है कि निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए जोखिम को नजरअंदाज करने की संस्कृति के बजाय जानबूझकर जोखिम उठाने की संस्कृति पर जोर देना चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 80 वर्षों तक एक जैसी स्थिति रहने के बाद अब पूल्ड पोर्टफोलियो गारंटी और हाईब्रिड पूंजी जैसे नए उपकरण पेश करने का वक्त आ गया है। साथ ही कहा गया है कि बहुपक्षीय विकास बैंकों के ऋण के दायरे में निजी निवेशकों को भी शामिल करना चाहिए।
एनके सिंह ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘गांधीनगर में दिखे झिझक और पूर्वाग्रहों से बदलाव आया है। कल बहुत अधिक सकारात्मक उत्साह दिखा। गवर्नरों ने बेहतर, बड़े और स्पष्ट एमडीबी के विचार की सराहना की।’
सिंह ने कहा कि बहुपक्षीय विकास बैंकों को खुद अपना आकलन करना होगा और अतिरिक्त रुपये का निवेश कोई खराब बात नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘बहुपक्षीय विकास बैंकों को जोखिम को नजरअंदाज करने की अपनी संस्कृति को छोड़ना होगा। यह करना कहना जितना ही आसान है। हाईब्रिड पूंजी की संभावना के लिए इसे मानव संसाधन विकास कौशल की भी जरूरत होगी।’
निजी निवेश के विभिन्न जोखिमों को कम करने के उपायों पर रिपोर्ट की दूसरी संस्करण में कहा गया है कि विदेशी मुद्रा जोखिमों के प्रबंधन के लिए ऑफ शोर हेजिंग तंत्र बनाने और ऑनशोर हेजिंग विकल्पों को बढ़ाने पर सोचना चाहिए।
इसने विश्व बैंक की बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (मीगा) को अन्य बहुपक्षीय विकास बैंकों के साथ साझेदारी के जरिये दमदार ऋणदाता बनने का सुझाव दिया है। इसमें पोर्टफोलियो जोखिम हस्तांतरण आदि तमाम उपाय शामिल हैं।