जबरदस्त घरेलू मांग के समर्थन से मजबूत सार्वजनिक निवेश ने भारत को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने एशिया और प्रशांत क्षेत्र के क्षेत्रीय आर्थिक नजरिये में कहा कि भारत और चीन के उच्च वृद्धि के अनुमानों के कारण इस क्षेत्र के वृद्धि अनुमान को बढ़ाया गया है।
कोष ने कैलेंडर वर्ष 2024 में इस क्षेत्र का वृद्धि अनुमान 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत कर दिया है जबकि इस क्षेत्र की 2023 में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
आईएमएफ की ब्लॉग पोस्ट के अनुसार एशिया और प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्ण श्रीनिवासन ने कहा, ‘चीन और भारत के लिए अनुमानों को बेहतर किया गया है। चीन में नीतियों से मदद मिलने की उम्मीद है। हालांकि भारत को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाने में सार्वजनिक निवेश का प्रमुख योगदान है।’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के प्रस्तावित अंतरिम बजट में पूंजीगत व्यय को 16.9 प्रतिशत बढ़ाकर रिकार्ड 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। आईएमएफ ने अपने वैश्विक अर्थव्यवस्था के नजरिये (WEO) में भारत के 2024-25 के जीडीपी वृद्धि अनुमान को 30 आधार अंक बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था। रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारत और फिलिपींस की जबरदस्त घरेलू मांग से हुई निरंतर वृद्धि ने आश्चर्यचकित किया है।’
आईएमएफ (IMF) ने भारत के जीडीपी वृद्धि (GDP Growth) के अनुमान को वित्त वर्ष 24 के लिए बढ़ाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया जबकि जनवरी की रिपोर्ट में अनुमान 6.7 प्रतिशत था।
आईएमएफ का अनुमान है कि वित्त वर्ष 26 में देश की आर्थिक वृद्धि का अनुमान थोड़ा गिरकर 6.5 प्रतिशत हो जाएगा और यह जनवरी के अनुमान के अनुरूप है। आईएमएफ को चीन के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि 2023 के 5.2 प्रतिशत से गिरकर 2024 में 4.6 प्रतिशत होने का अनुमान है।