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Yamaha की घरेलू बिक्री 17 प्रतिशत बढ़ी लेकिन एक्सपोर्ट 25 प्रतिशत घटा

Last Updated- May 22, 2023 | 8:32 PM IST
All Yamaha bikes to be E-20 fuel compatible by the end of this year

यामाहा मोटर इंडिया (Yamaha Motor India) की घरेलू बिक्री इसके प्रीमियम वाहनों की अ​धिक मांग के कारण वित्त वर्ष 2023 के दौरान तकरीबन 17 प्रतिशत तक बढ़कर 6,50,000 वाहन होने की उम्मीद है। कंपनी के चेयरमैन इ​शिन चिहाना ने आज यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि अलबत्ता भारतीय उपमहाद्वीप, अफ्रीका और द​क्षिण अमेरिका के प्रमुख बाजारों में कमजोर स्थानीय करेंसी और अ​धिक महंगाई के कारण वर्ष 2023 में कंपनी के निर्यात में 20 से 25 प्रतिशत तक की गिरावट आने के आसार हैं।

चिहाना ने बातचीत के दौरान बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि पिछले साल यामाहा ने 3,00,000 वाहनों का निर्यात किया था, जो अब तक का सबसे अधिक था। इस साल हम फिर से 3,00,000 वाहनों का निर्यात करने का लक्ष्य बना रहे थे। हालांकि अन्य भारतीय कंपनियों की ही तरह हम अन्य देशों (निर्यात बाजारों) में दिक्कतें देख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि निर्यात बाजारों में कमजोर स्थानीय मुद्राएं, अ​धिक ब्याज दरें और अ​धिक मुद्रास्फीति दर जैसे कारक प्रचलित हैं। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि इस साल निर्यात की मात्रा में भारी गिरावट आएगी। उन्होंने कहा कि अन्य दोपहिया कंपनियों के मामले में निर्यात के हालात समान बने हुए हैं।
यामाहा मोटर इंडिया के लिए ब्राजील, बांग्लादेश और नेपाल शीर्ष निर्यात गंतव्यों में शामिल हैं।

वर्ष 2022 में कंपनी की घरेलू बिक्री 6.7 प्रतिशत तक बढ़कर 5,57,000 वाहन हो गई। भारत से इसका निर्यात वर्ष 2022 में 11 प्रतिशत तक बढ़कर 3,00,000 वाहन हो गया।

उन्होंने कहा कि कंपनी वर्ष 2023 में घरेलू बिक्री लगभग 6,50,000 वाहन रहने की उम्मीद कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर सेमीकंडक्टर चिप की आपूर्ति बेहतर होती, तो वर्ष 2023 के लिए घरेलू बिक्री का लक्ष्य अधिक होता।

चिप की कमी के कारण कंपनी अन्य कंपनियों की तुलना में अधिक प्रभावित

चिहाना ने कहा कि चिप की कमी के कारण कंपनी अन्य कंपनियों की तुलना में अधिक प्रभावित हुई है क्योंकि यह ज्यादातर प्रीमियम वाहनों का उत्पादन करती है, जिन्हें दूसरों की तुलना में अधिक चिप की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक सभी मॉडलों के लिए चिप की आपूर्ति सामान्य होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि इस साल के आ​खिर तक सेमीकंडक्टर चिप की आपूर्ति के संबंध में हालात कमोबेश ठीक होने की उम्मीद है। हालांकि कुछ मॉडलों के मामले में कुछ बाधाएं रहेंगी तथा आपूर्ति सामान्य होने के लिए कुछ और समय की जरूरत होगी।

इस जापानी कंपनी की भारत में सालाना उत्पादन क्षमता 15 लाख वाहन है। इसकी मौजूदा क्षमता उपयोग दर 60 प्रतिशत बैठता है और इसलिए इसे अभी और क्षमता स्थापित करने की जरूरत नहीं है।

चिहाना ने कहा कि कंपनी वर्ष 2028 तक भारत में 100 प्रतिशत क्षमता उपयोग करने में सक्षम होगी। इसलिए वह वर्ष 2026 में क्षमता विस्तार की योजना शुरू करेगी।

फिलहाल कंपनी के पास 723 डीलरशिप हैं, जिनमें से 191 प्रीमियम उत्पादों के लिए ब्लू स्क्वायर शोरूम हैं। चिहाना ने कहा कि कंपनी वर्ष 2025 तक सभी डीलरशिप को ब्लू स्क्वायर शोरूम में तब्दील करने की योजना बना रही है।

First Published - May 22, 2023 | 8:32 PM IST

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