भारत का वाहन कलपुर्जा उद्योग वित्त वर्ष 2023-24 में करीब 10-15 फीसदी बढ़ सकता है। भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एक्मा) ने सोमवार को यह उम्मीद जताई।
एक्मा ने कहा कि अमेरिका और यूरोप में मंदी की आशंका के बीच घरेलू और निर्यात बाजार दोनों की मांग के चलते आगामी वित्त वर्ष में वृद्धि की उम्मीद है। वाहन कलपुर्जा उद्योग का कारोबार वित्त वर्ष 2021-22 में 23 फीसदी की वृद्धि के साथ 56.5 अरब डॉलर रहा था।
उद्योग के चालू वित्त वर्ष यानी 2022-23 में इसमें 15 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है। अमेरिका और यूरोप के प्रमुख पश्चिमी बाजार इलेक्ट्रिक वाहन अपना रहे हैं, जिसके चलते घरेलू कलपुर्जा उद्योग को भारत में पेट्रोल-डीजल इंजन (आईसीई) के लिए कलपुर्जों के विनिर्माण से लाभ होगा।
एक्मा के महानिदेशक विन्नी मेहता ने दिल्ली में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) तक हमारा निर्यात और आयात वास्तव में बेहतर तरीके से संतुलित रहा। दोनों 15.1 अरब डॉलर है।’ उन्होंने कहा, ‘हम यूरोप और अमेरिका में मंदी को देखते हुए विपरीत परिस्थितियों से सावधान हैं।
इसके बावजूद घरेलू बाजारों में तेजी के चलते हमारा निर्यात और आयात तेज गति से बढ़ रहा है।’ मेहता ने वित्त वर्ष 2023-24 के परिदृश्य के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘हम निश्चित रूप से 10-15 फीसदी की सीमा में बढ़ेंगे।’