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AI के नियम-कायदे जल्द, मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार की अगुवाई में समिति तैयार कर रही फ्रेमवर्क

AI regulation India: अब तक एआई नीति के 70 से अधिक मसौदे तैयार हो चुके हैं और इस पर विभिन्न हितधारकों के साथ एक व्यापक चर्चा जारी है।

Last Updated- April 19, 2024 | 11:26 PM IST
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भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय समिति आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए रूपरेखा तैयार कर रही है। बिज़नेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के अनुसार इस समिति में विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के अलावा शिक्षा जगत के सदस्यों और नैसकॉम सहित उद्योग संगठनों और इंडियन सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट इंडस्ट्री राउंड टेबल (आईस्प्रिट) जैसे थिंक टैंकों के प्रतिनिधि हैं।

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय भारत में वैज्ञानिक नीति पर केंद्र सरकार की सर्वोच्च वैज्ञानिक सलाहकार संस्था है। हाल में इसने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के बारे में कुछ कार्य पत्र जारी किए हैं। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि चुनावों के बाद एआई के लिए खास नियम-कायदे अथवा व्यापक रूपरेखा तैयार किए जाने की उम्मीद है।

अधिकारी ने कहा, ‘एआई के लिए कायदे बनाते समय हम संतुलित दृष्टिकोण अपनाएंगे। कानून के तहत इस बात पर खास तौर पर ध्यान रखा जाएगा कि उपयोगकर्ताओं को कम से कम नुकसान हो। प्लेटफॉर्मों की जवाबदेही बढ़ाने और नवाचार को भी बढ़ावा दिया जाएगा। अब तक एआई नीति के 70 से अधिक मसौदे तैयार हो चुके हैं और इस पर विभिन्न हितधारकों के साथ एक व्यापक चर्चा जारी है।’

बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इस महीने की शुरुआत में खबर दी थी कि विभिन्न मंत्रालयों के सदस्यों वाली एक समिति ने एआई विनियमन की देखरेख के लिए अंतर-मंत्रालय निकाय बनाने की सिफारिश की थी।

समिति ने एआई को विनियमित करने के लिए ‘पूरी सरकार के दृष्टिकोण’ का पालन करने की सिफारिश की थी, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अलावा हरेक मंत्रालय की भूमिका हो। भारत में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के लिए विशिष्ट नीतिगत व्यवस्था नहीं है। इस तकनीक से संबंधित नुकसान एवं जोखिम के बारे में लगातार बढ़ती चिंता को मद्देनजर रखते हुए एआई के लिए विशेष नीतिगत ढांचा होना बेहद आवश्यक है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पहले भी विभिन्न मध्यवर्तियों और एआई प्लेटफॉर्मों को इसके इस्तेमाल से होने वाले जोखिमों से बचने के लिए कायदे बनाने की सलाह दी है। मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि उनके मॉडलों से पैदा होने वाले जोखिम उपयोगकर्ताओं के हितों को प्रभावित न करे।

इसी साल जनवरी में प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने एआई के विनियमन के लिए एक ‘कॉम्प्लेक्स अडॉप्टिव फ्रेमवर्क’ का प्रस्ताव दिया था। परिषद ने सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने, मैनुअल ‘ओवरराइड्स’ एवं ‘ऑथराइजेशन चोकपॉइंट्स’ को अनिवार्य बनाने, पारदर्शिता एवं जवाबदेही के लिए जांच अनिवार्य करने, जवाबदेही और जिम्मेदारी का प्रोटोकॉल तैयार करने और एआई पर नजर रखने के लिए एक विशेषज्ञ नियामक की स्थापना करने की सलाह दी थी।

First Published - April 19, 2024 | 11:26 PM IST

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