एक समय सोशल मीडिया दिग्गज एक्स (पूर्व में ट्विटर) की भारतीय प्रतिस्पर्धी के तौर पर चर्चित रहे माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ने अपना परिचालन बंद कर दिया है। कंपनी के संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण ने बुधवार को लिंक्डइन पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी।
राधाकृष्ण ने कहा, ‘हमारी ओर से यह अंतिम अपडेट है। हमारी साझेदारी की बातचीत विफल हो गई है और हम जनता के लिए अपनी सेवा बंद कर रहे हैं। हमने कई बड़ी इंटरनेट कंपनियों, समूहों और मीडिया घरानों के साथ साझेदारी की संभावना तलाशी, लेकिन इन वार्ताओं से हमें अपेक्षित परिणाम नहीं मिले।’
उन्होंने कहा कि ज्यादातर इच्छुक पक्ष उपयोगकर्ता द्वारा तैयार कंटेंट से संतुष्ट नहीं थे। उनमें से कुछ ने सौदे के आखिर में अपना फैसला बदल लिया। अपुष्ट खबरों से पता चला है कि डेलीहंट ओर शेयरचैट की मालिक वेरसे इनोवेशन भी कू को खरीदने के लिए बातचीत कर रही थी।
राधाकृष्ण ने कहा, ‘हालांकि हम ऐप को चालू रखना चाहते थे, लेकिन सोशल मीडिया ऐप को चालू रखने के लिए प्रौद्योगिकी सेवाओं की लागत बहुत अधिक है और इस वजह से हमें यह कठिन निर्णय लेना पड़ा है।’ मार्केट इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के आंकड़े से पता चलता है कि वर्ष 2022 में 5,868 स्टार्टअप ने विपरीत वृहद आर्थिक हालात की वजह से अपना परिचालन बंद किया था।
हालांकि 2023 में यह आंकड़ा घटकर 1,720 रह गया और 2024 में अब तक महज 4 स्टार्टअप ने अपना परिचालन बंद किया है, क्योंकि हालात में सुधार आया है। पिछले कुछ वर्षों में बंद हो चुके कुछ स्टार्टअप में निकी, जिपगो, क्रेजो डॉट फन, फ्रंटरो और ग्रामफैक्ट्री आदि शामिल हैं।
मजबूत शुरुआत
वर्ष 2020 में स्थापित कू एक ऐसा बहुभाषी माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म था जो उपयोगकर्ताओं को टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो के माध्यम से बातचीत करने की अनुमति देता था। इसने प्रभावशाली लोगों को नेटवर्क बनाने और अपने प्रशंसकों के साथ बातचीत करने की भी अनुमति दी।
बेंगलूरु की इस फर्म को 2020 में अनुचित कंटेंट मॉडरेशन की वजह से एक्स और भारत सरकार के बीच टकराव का लाभ मिला। कई सेलेब्रिटी, सरकारी अधिकारी और नागरिक एक्स से हटकर इसके स्वदेशी रूप निर्मित विकल्प की ओर आकर्षित होने लगे। लॉन्च होने के तीन साल बाद, इस स्वदेशी प्लेटफॉर्म पर 6 करोड़ से अधिक ऐप डाउनलोड हुए।
चुनौतियां और वित्तीय संकट
अप्रैल में, कू ने घोषणा की कि वह अपने कर्मचारियों के वेतन भुगतान को इस महीने के लिए रोक रही है क्योंकि उसे वित्तीय समस्या का सामना करना पड़ रहा है। दूसरे सबसे बड़े माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में इसका स्थान मेटा के थ्रेड्स से भी पिछड़ गया, जिसने अपनी पेशकश के महज पांच दिनों के अंदर 10 करोड़ वैश्विक उपयोगकर्ताओं तक पहुंच बना ली।
जून से कंपनी के कर्मियों की संख्या 80 प्रतिशत तक घट गई है, इसमें वरिष्ठ स्तर पर कर्मचारियों का बाहर जाना भी शामिल है, जिसके कारण कंपनी में लगभग 50 कर्मचारी रह गए हैं। शेष कर्मियों को भी अक्टूबर 2023 से 40 प्रतिशत तक की वेतन कटौती का सामना करना पड़ रहा है।