दिल्ली की हवा इन दिनों काफी खराब हो चुकी है। ऐसे में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी GRAP के स्टेज III और IV के तहत इमरजेंसी उपायों के रूप में, दिल्ली सरकार ने गुरुवार से सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की संस्थाओं में 50 फीसदी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य कर दिया है।
लेबर मिनिस्टर कपिल मिश्रा ने बताया कि इस फैसले का मकसद रोजाना की आने-जाने की भीड़ को कम करना है, ताकि गाड़ियों से निकलने वाला धुआं घट सके और प्रदूषण पर कुछ काबू पाया जा सके। उन्होंने साफ चेतावनी दी कि जो संस्थाएं इस नियम का पालन नहीं करेंगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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प्रदूषण रोकने के इन सख्त नियमों से कई लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ रहा है। खासकर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को काफी नुकसान हो रहा है, क्योंकि कई काम बंद हो गए हैं। लेबर मिनिस्टर ने इस बात को माना और कहा कि GRAP स्टेज III पिछले 16 दिनों से लागू है, जिसकी वजह से कई मजदूर काम नहीं कर पाए और उनकी कमाई रुक गई।
इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने प्रभावित कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, ये मदद उन मजदूरों को मिलेगी जो इन प्रतिबंधों की वजह से बेरोजगार हो गए।
उन्होंने आगे कहा कि GRAP IV जितने दिन भी लागू रहेगा, उतने दिनों का भी मुआवजा दिया जाएगा। ये फायदा सिर्फ सरकार के साथ रजिस्टर्ड मजदूरों को ही मिलेगा। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अभी चल रही है।
हालांकि, कुछ जरूरी सेवाओं में लगे लोग इस स्कीम से बाहर रहेंगे। जैसे हॉस्पिटल, इमरजेंसी रिस्पॉन्स यूनिट्स, फायर सर्विस और प्रदूषण कंट्रोल से जुड़े विभागों के कर्मचारी। इन पर ये नियम लागू नहीं होंगे।
इसके साथ ही कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण की इस समस्या को राजनीति का रंग दिया जा रहा है। विरोध प्रदर्शन करने वालों पर तंज कसते हुए बोले, “उनका मुख्यमंत्री तो प्रदूषण के मौसम में भाग जाता था, लेकिन हमारा मुख्यमंत्री सड़क पर डटा हुआ है। वो गंदी राजनीति कर रहे हैं। हमारी गलती है कि प्रदूषण है, क्योंकि 30 साल पुरानी समस्या को पांच महीने में खत्म नहीं किया जा सकता।”