सैम अल्टमैन के नेतृत्व वाली कंपनी ओपन एआई ने सोमवार को कहा कि वह देश भर के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों और शिक्षकों, इंजीनियरिंग कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों तथा के-12 शिक्षकों को चैटजीपीटी के 5 लाख लाइसेंस निशुल्क उपलब्ध कराएगी।
ओपनएआई में शिक्षा के वाइस प्रेसिडेंट लेह बेल्स्की ने हाल ही में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम मानते हैं कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) में यह क्षमता है कि वह छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा को बदल सके। एआई उनके लिए आजीवन निजी शिक्षक की भूमिका निभा सकता है। शिक्षकों के लिए एआई समय बचाने वाली साबित होगी ताकि वे शिक्षा के मूल विषय पर ध्यान केंद्रित कर सकें।’
छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के लिए कार्यक्रम का संचालन ओपनएआई लर्निंग एक्सिलरेटर के तहत होगा। यह पहल खासतौर पर भारत के लिए तैयार की गई है। कंपनी फिलहाल इन निशुल्क चैटजीपीटी लाइसेंस से पैसे कमाने पर विचार नहीं कर रही है। बेल्स्की ने कहा कि कार्यक्रम में फिलहाल ‘पहुंच और प्रशिक्षण’ पर ध्यान दिया जाएगा।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के एक साल के जवाब में बेल्स्की ने कहा, ‘ऐसे में व्यापक उम्मीद यही है कि हम करीब 5 लाख उपयोगकर्ता तैयार कर सकते हैं और शिक्षकों पर ध्यान देकर देख सकते हैं कि वे चैटजीपीटी का इस्तेमाल किस प्रकार करते हैं। इसके बाद इन सबकों का अनुकरण किया जा सकता है। हमारा ध्यान इसी बात पर केंद्रित है।’
कार्यक्रम के तहत चैटजीपीटी भारत में ये लाइसेंस शिक्षा मंत्रालय, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और उन स्कूलों के साथ साझेदारी में वितरित करेगा जो एसोसिएशन फॉर रीइन्वेंटिंग स्कूल एजुकेशन (अराइज) के सदस्य हैं।
शिक्षा मंत्रालय ओपनएआई को उन सरकारी स्कूलों की पहचान करने में मदद करेगा जहां चैटजीपीटी की पहुंच की मदद से शिक्षकों की सबक योजना, छात्रों के साथ संबद्धता और नतीजे बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
इसी तरह एआईसीटीई और अराइज चैटजीपीटी के स्टडी मोड जैसे टूल्स की पहुंच बढ़ाने में मदद करेगी। कंपनी ने बताया कि इसके अलावा वह डिजिटल कौशल मजबूत बनाने, रोजगार और एआई के व्यावहारिक इस्तेमाल में मदद करेगा।
इस वर्ष जुलाई में, ओपनएआई में चैटजीपीटी ने स्टडी मोड पेश किया ताकि छात्र केवल उत्तर पाने के बजाय समस्याओं को समझने और हल करने की प्रक्रिया में भाग ले सकें।
स्टडी मोड में, चैटजीपीटी छात्रों को उनके उद्देश्य और कौशल स्तर के अनुसार तैयार किए गए प्रश्नों के साथ संवाद करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे वे विषय की गहरी समझ विकसित कर सकें।
कंपनी ने बताया था कि यह नया मोड उन सिस्टम निर्देशों पर आधारित है जिन्हें ओपनएआई ने शिक्षकों, वैज्ञानिकों और शिक्षाशास्त्र विशेषज्ञों के सहयोग से विकसित किया है।
सोमवार को ओपनएआई ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत इस बात पर संयुक्त शोध किया जाएगा कि
सोमवार को ओपनएआई ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता इस उद्देश्य से किया गया है कि एआई के माध्यम से शिक्षा के परिणामों को बेहतर कैसे बनाया जा सकता है और शिक्षण के नवाचारी तरीकों को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है, जो कि संज्ञानात्मक तंत्रिका विज्ञान की अंतर्दृष्टियों से मेल खाते हों। कंपनी ने इस शोध परियोजना के लिए आईआईटी मद्रास को करीब 5 लाख डॉलर की राशि देने की घोषणा की है।