जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि इन्फोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ओपनएआई द्वारा विकसित चैटबॉट ‘Chat GPT’ से पैदा होने वाली चुनौतियों का प्रबंधन प्रतिस्पर्धियों की तुलना में ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकती हैं।
जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का कहना है कि Chat GPT जैसे आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (AI) मॉडल कोडिंग को सरल बना सकते हैं और प्रतिभा के व्यापक वर्ग तक पहुंच आसान बनाने में मददगार हो सकते हैं। उनका कहना है कि इससे IT सेवा कंपनियों के लिए नफा-नुकसान का समावेश हो सकता है।
विश्लेषकों का मानना है कि कुछ प्रमुख सकारात्मक बदलावों से उत्पादकता में वृद्धि, व्यापक रोजगार, IT सेवा कंपनियों के लिए कम लागत मुख्य रूप से शामिल हो सकते हैं। दूसरी तरफ, प्रबंधन सेवा परियोजनाओं में नए बदलाव आ सकते हैं और कर्मियों को पुन: प्रशिक्षित करने की जरूरत कम हो सकती है।
जेपी मॉर्गन के अंकुर रुद्र और भाविक मेहता ने 10 फरवरी की रिपोर्ट में कहा, ‘किसी तरह के तकनीकी बदलाव अल्पावधि में टेक हेरिटेज फर्मों के मुकाबले कंसल्टिंग हेरिटेज फर्मों और डिजिटल कंपनियों के पक्ष में मददगार साबित हो सकते हैं। इन्फोसिस और टीसीएस जैसी कंपनियां इस स्थिति में बेहतर साबित होंगी। बदलते समय के साथ यह नए बदलाव का स्रोत हो सकता है, 2015-2019 के डिजिटल रूपांतरण के शुरुआती चरण के समान।’
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रद्र और मेहता का कहना है कि एआई उत्पादकता बढ़ाने (जैसे लाइब्रेरी, टूल्स और विकास संसाधन) , लागत घटाने में मददगार हो सकती है। उनका कहना है कि इससे उद्यम प्रौद्योगिकी क्षेत्र में इस तरह के तकनीकी नवाचार को क्रियान्वित करने में कंपनियों के लिए कार्य का एक नया क्षेत्र पैदा हो सकता है।
उनका कहना है कि कंपनियां पिछले साल के दौरान ओपनआई और GPT3 के साथ पहले ही प्रयोग कर चुकी हैं और कई सेवा प्रदाता Chat GPT/GPT3 से जुड़ी परियोजनाओं पर पहले से ही काम कर रही हैं।