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बिना बैटरी के बेचे जा सकेंगे इलेक्ट्रिक वाहन, फैसले से उलझन में उद्योग

Last Updated- December 15, 2022 | 3:28 AM IST

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि वह कंपनियों को इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहन बगैर बैटरी के बेचने की अनुमति देगा, जिससे स्वच्छ परिवहन के लिए  माहौल तैयार किया जा सके। मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि वाहन बगैर बैटरी के भी पंजीकृत हो सकेंगे।
बहरहाल उद्योग जगत अभी इस पर उलझन में है कि यह किस तरीके से काम करेगा और कहा कि इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।
वाहन में बैटरी की लागत 30 से 40 प्रतिशत होती है। अधिसूचना में कहा गया है कि मूल उपकरण विनिर्माता से अलग बैटरी मुहैया कराई जा सकती है। इस कदम से वाहन का शुरुआती दाम कम हो जाएगा।
सोसाइटी आफ मैन्युफैक्चरर्स आफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि ईवी से बैटरी को अलग करना अच्छा विचार है, लेकिन इसके लिए पहले बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है, जिसे इस पर व्यावहारिक रूप से अमल किया जा सके और यह ग्राहकों के लिए फायदेमंद हो।
महिंद्रा इलेक्ट्रिक के एमडी और सीईओ महेश बाबू ने कहा कि किसी भी देश में बगैर बैटरी के ईवी के पंजीकरण की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हम सरकार को बताएंगे कि इस अधिसूचना से भ्रम पैदा हो गया है। वाहनों की बिक्री तक सुरक्षा के लिए ओईएम की जिम्मेदारी है। किसी वाहन का परीक्षण, विनिर्माण और बिक्री एकीकृत वाहन के रूप में होता है और ओईएम की वारंटी की जिम्मेदारी होती है। इस कदम में इस मसले पर विचार नहीं किया गया और उद्योग से सलाह नहीं ली गई है।’
ऐथर एनर्जी के सीईओ और सह संस्थापक तरुण मेहता ने कहा कि मंत्रालय की नई नीति ग्राहकों और ओईएम दोनों के लिए बेहतर कदम है। नई नीति वित्त पोषण की संभावनाओं के लिए विकल्प खोलती है, वहीं ग्राहकों को मालिकाना के इस मॉडल को समझने और स्वीकार करने में वक्त लगेगा, लेकिन दीर्घावधि के हिसाब से इससे भारत के ईवी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

First Published - August 13, 2020 | 11:36 PM IST

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