गूगल ने भारत के तेजी से बढ़ते तकनीकी क्षेत्र को लक्षित कर बुधवार को बेंगलूरु में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) से जुड़ी कई पहल शुरू करने का ऐलान किया। यहां अपने डेवलपर कॉन्फ्रेंस के दौरान माउंटेन व्यू की इस कंपनी ने कहा कि वह जेमिनाई 2.5 फ्लैश थिंकिंग मॉडल के लिए भारत में ही डेटा प्रोसेसिंग करेगी। गूगल की रणनीति ऐसे समय सामने आई है जब वैश्विक स्तर की तकनीकी दिग्गज कंपनियां सबसे अधिक आबादी वाले इस देश में तेजी से विस्तार कर रहे एआई तंत्र में अपना दबदबा कायम करने की दौड़ में लगी हैं।
गूगल आई/ओ कनेक्ट इंडिया 2025 में लगभग 1800 डेवलपर ने भाग लिया। इसमें कंपनी ने फायरबेस स्टूडियो से जुड़े नए एजेंटिक एआई उपकरणों की पेशकश की। साथ ही, इसने राष्ट्रीय एआई मिशन द्वारा समर्थित तीन स्टार्टअप के साथ साझेदारी भी की ताकि स्वदेशी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस मॉडल विकसित किए जा सकें।
गूगल डीपमाइंड के वरिष्ठ निदेशक (भारत और एपैक) डॉ. मनीष गुप्ता ने कहा, ‘भारतीय डेवलपर वास्तव में भारत की सफलता की कहानी का अगला अध्याय लिख रहे हैं। ये डेवलपर एआई क्षमताओं का उपयोग कर ऐसे ऐप्लिकेशन बना रहे हैं, जो भारत समेत दुनिया के लाखों कारोबार और लोगों तक पहुंच रहे हैं।’
गूगल ने गेमिंग इंजन प्लेटफॉर्म ‘यूनिटी’ के साथ साझेदारी कर नए प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ डेवलपर नेटवर्क के दायरे को मजबूत किया है। कंपनी ने खुलासा किया कि उसके प्ले स्टोर और एंड्रॉयड तंत्र ने 2024 में ऐप पब्लिशर्स और व्यापक भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 4 लाख करोड़ रुपये का राजस्व दिया है। इसी के साथ प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष और अन्य रोजगार के माध्यम से 35 लाख नौकरियों में मदद मिली है।
कार्यक्रम में गूगल इंडिया की कंट्री मैनेजर प्रीति लोबाना ने कहा, ‘भारत के डेवलपर यह तय कर रहे हैं कि दुनिया एआई का इस्तेमाल कैसे करेगी।’ गूगल, आईआईटी मुंबई में भारतजेन के साथ भी साझेदारी कर ही है ताकि देसी भारतीय भाषा से जुड़े ऑटोमेटिक स्पीच रिकगनिशन (एएसआर) और टेक्स्ट टू स्पीच (टीटीएस) मॉडल तैयार किए जा सकें।