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LPG वाहनों पर मंडराता खतरा, बिक्री में आई 80 फीसदी से ज्यादा की गिरावट

दुनियाभर में पेट्रोल और डीजल के बाद सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला ईंधन LPG है

Last Updated- April 26, 2023 | 11:59 PM IST
Danger looming over LPG vehicles, over 80 percent sales declined after Financial year 2019
BS

देश में LPG चालित वाहनों का दायरा सिकुड़ रहा है। हालांकि वैकल्पिक हरित ईंधन जैसे CNG और बिजली चालित वाहनों (EV) को अपनाने की गति धीमी है।

दुनियाभर में पेट्रोल और डीजल के बाद सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला ईंधन LPG है। देश में हाल यह है कि बीते पांच वर्षों के दौरान LPG चालित कारों की बिक्री में भारी 82 फीसदी की गिरावट आई है।

सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय के वाहन पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक 2022-23 (वित्त वर्ष 23) में केवल 23,168 LPG चालित वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ जबकि 2018-19 में 1,28,144 यूनिट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ था।

वित्त वर्ष 23 के दौरान भारत में 2,22,24,702 वाहनों की बिक्री हुई। इनमें LPG चालित वाहनों की हिस्सेदारी केवल 0.11 फीसदी थी जबकि हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) के अन्य विकल्पों जैसे CNG चालित वाहनों की हिस्सेदारी 3 फीसदी और बिजली चालित वाहनों की हिस्सेदारी 5 फीसदी थी।

2019 में सवा लाख से अ​धिक पंजीकरण

LPG चालित वाहन कम उत्सर्जन करते हैं। भारत में अप्रैल, 2000 से LPG चालित वाहनों की कानूनी वैधता मिली थी। साल 2019 में LPG चालित वाहनों की मांग उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। इस साल के दौरान 1,28,144 इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ था।

उद्योग के विशेषज्ञों के मुताबिक, LPG चालित चार पहिए वाले वाहनों के कलपुर्जों और हिस्सों की मांग बढ़ने के कारण 2019 में इन वाहनों की मांग बढ़ी थी। LPG चालित वाहनों की 80 फीसदी से अधिक मांग तिपहिया वाहनों के सेगमेंट से आती है।

वित्त वर्ष 23 में चार पहिए वाले LPG खंड की हिस्सेदारी गिरकर 14 फीसदी पर आ गई जबकि 2018-19 (वित्त वर्ष 19) में 18 फीसदी थी। वित्त वर्ष 23 में केवल 3,495 LPG चालित चार पहिया वाहन पंजीकृत हुए जबकि वित्त वर्ष 19 में ऐसे 23,695 चार पहिया वाहनों का पंजीकरण हुआ था।

Indian Auto LPG Coalition के महानिदेशक सुयश गुप्ता ने कहा, ‘पैसेंजर वाहन सेगमेंट से वाहन के तैयार नए कलपुर्जों की मांग के कारण 2018 से 2020 तक LPG वाहन उद्योग को बढ़ावा मिला था। हालांकि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अविवेकपूर्ण नियमों, किट की मूजंरी की उच्च लागत – हर तीन साल में पुन: प्रमाणीकरण प्राप्त करने – LPG मॉडलों की अनुपलब्धता के कारण उपभोक्ताओं की रुचि में गिरावट आई।’

LPG चालित वाहनों के लिए विकल्प ही सीमित हो गए। इसके अलावा LPG की लागत बढ़ने और ईंधन भरने के आधारभूत ढांचे के अभाव के कारण इसके विस्तार के दायरे पर भी विराम लग गया।

देश में मार्च, 2023 तक केवल 1,177 LPG स्टेशन थे। हालांकि CNG पंप 4,600 से अधिक, 5200 इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन और 80,000 पेट्रोल पंप हैं। इसके अलावा दिल्ली में 2023 के दौरान LPG के दाम 70 फीसदी बढ़कर 68 रुपये लीटर हो गए हैं जबकि 2019 में इसका दाम 40 रुपये था। हालांकि अन्य राज्यों में LPG के दाम और ज्यादा हैं।

उद्योग के एक विशेषज्ञ के मुताबिक, ‘सरकार की मदद की कमी और कार निर्माताओं के LPG वाहनों के प्रति उदासीनता के कारण इस उद्योग में LPG के विस्तार को नुकसान पहुंच रहा है। भारत का सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) ने LPG चालित वाहनों का निर्माण बंद कर दिया है। लोग की रुचि CNG और EV वाहनों में है। इससे देश में LPG क्षेत्र की मौत हो रही है।’

इस आलोच्य अवधि में CNG और EV वाहनों की बिक्री में क्रमश: 58 फीसदी और 400 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। गुप्ता ने कहा कि सरकार ने ईवी और CNG खंड को प्रोत्साहन दिया है। LPG के लिए कारोबार के लिए समानता की स्थितियां नहीं हैं। LPG सबसे स्वच्छ ईंधन (क्लीन फ्यूल) है लेकिन अभी भी देश में LPG गैर सब्सिडी वाला ईंधन है।

First Published - April 26, 2023 | 7:02 PM IST

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