Auto Sales July 2025: घरेलू यात्री वाहनों की जुलाई में थोक बिक्री सपाट रहते हुए सालाना आधार पर महज एक फीसदी बढ़ी। डीलरों के पास अधिक इन्वेंट्री और ग्राहकों की कम मांग के कारण एक साल पहले के मुकाबले इस साल जुलाई में 3.48 लाख गाड़ियां बिकीं। मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) भी खुदरा बिक्री को तवज्जो दे रहे हैं और डीलरों को बिक्री को वास्तविक बाजार की मांग के अनुरूप बना रही हैं।
पिछले महीने जुलाई में यात्री वाहन उद्योग की खुदरा बिक्री भी सुस्त रही और महीने के दौरान 3.28 लाख वाहन बिके। वाहन पंजीकरण से पता चला कि सबसे ज्यादा गाड़ियां मारुति सुजूकी की बिकीं और उसने 1,28,423 गाड़ियों के साथ 40 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली। उसके बाद, 42,661 गाड़ियों की बिक्री के साथ ह्युंडै मोटर दूसरे स्थान पर रही। जून में तीसरे स्थान पर खिसकने के बाद जुलाई में कंपनी ने फिर 13 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर ली। उसके बाद महिंद्रा ने 13 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ 41,476 गाड़ियां बेचीं और टाटा मोटर्स ने 12 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ 39,795 गाड़ियों की बिक्री की।
उद्योग के जानकारों का मानना है कि घरेलू बिक्री का प्रदर्शन निकट अवधि में सुस्त रह सकता है। प्राइमस पार्टनर्स के सलाहकार अनुराग सिंह ने कहा, ‘डीलरों के पास इन्वेंट्री का स्तर ऊंचा है। इससे विनिर्माता कम वाहन भेज रहे हैं। डीलरों की प्रतिक्रिया के मुताबिक ग्राहकों की पूछताछ कम हुई है और खरीदार भी गाड़ी खरीदने में अधिक समय ले रहे हैं।’
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भारत की सबसे बड़ी यात्री वाहन निर्माता मारुति सुजूकी ने पिछले साल 1,37,463 गाड़ियां डीलरों के पास भेजीं। लेकिन इस साल इसमें 0.2 फीसदी की सपाट बढ़त रही और उसने 1,37,776 गाड़ियां ही भेजीं। कंपनी ने कहा कि वह डीलर डिस्पैच पर नहीं बल्कि खुदरा बिक्री के साथ तालमेल बिठाने पर ध्यान दे रही है जिसमें एक साल पहले के मुकाबले 7 फीसदी की वृद्धि हुई है। जुलाई में मारुति सुजूकी की डिजायर की सबसे ज्यादा बिक्री हुई। कंपनी की डिजायर 20,895 बिकीं और उसके बाद अर्टिगा 16,600 और वैगनआर 14,700 बिकीं।
इस रुझान के उलट महिंद्रा ने घरेलू डिस्पैच में 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की और पिछले साल जुलाई के 41,623 वाहनों के मुकाबले इस साल जुलाई में 49,871 वाहनों की खेप भेजी। कंपनी ने खुलासा किया कि इस वृद्धि का बड़ा श्रेय हाल में उतारी गई एक्सयूवी 3एक्सओ ‘रेवएक्स’ श्रृंखला की गाड़ियों और बीई 6 और एक्यूवी 9ई मॉडलों के दो वेरिएंटेस की डिलिवरी शुरू होने को दिया जाता है।
ग्रामीण मांग में नरमी से निपटने के लिए मारुति अब निर्यात बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। ग्रामीण वृद्धि पिछले साल के 10 फीसदी से कम होकर 2 से 3 फीसदी रह गई है, जबकि शहरी मांग में सुधार दिख रहा है मगर आईटी क्षेत्र में नौकरी की चिंताओं, एआई से जुड़ी अनिश्चितताओं और भूराजनीतिक तनाव के कारण डिलिवरी में देरी हो रही है।
ह्युंडै मोटर इंडिया ने पिछले साल 49,013 गाड़ियां डिस्पैच कीं। मगर इस साल यह 10 फीसदी गिरकर 43,973 वाहन रह गई। टाटा मोटर्स की थोक खेप में भी 12 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। कंपनी ने पिछले साल जुलाई में 44,725 गाड़ियों की खेप भेजी, जो इस साल कम होकर 39,521 गाड़ियां (इलेक्ट्रिक वाहन समेत) रह गईं।
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हालांकि, एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की बिक्री में मामूली 1.2 फीसदी की गिरावट आई। कंपनी ने पिछले साल जुलाई में 29,533 गाड़ियां डिस्पैच की थीं जो इस साल घटकर 29,159 गाड़ियां रह गईं।
दूसरी ओर, स्कोडा ऑटो इंडिया की घरेलू थोक बिक्री में 163 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और कंपनी ने पिछले साल जुलाई के 2,103 गाड़ियों के मुकाबले इस साल जुलाई में 5,536 गाड़ियां डीलरों को भेजीं। इसके अलावा, जेएसडब्ल्यू मोटर की भी थोक बिक्री में साल भर पहले के मुकाबले 46 फीसदी का इजाफा हुआ है। कंपनी ने पिछले साल जुलाई में 4,575 गाड़ियों की बिक्री की थी जो इस साल बढ़कर 6,678 गाड़ियां हो गईं।