भारत के घरेलू दोपहिया उद्योग में चालू वित्त वर्ष 2026 में 6 से 9 फीसदी की सालाना वृद्धि होने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने यह जानकारी दी है। इक्रा के मुताबिक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में की गई कटौती, शहरी उपभोग में उछाल और सामान्य मॉनसून के कारण ग्रामीण आय में मजबूती से इसे बल मिलेगा।
त्योहारों के दौरान और उसके बाद शोरूम में ग्राहकों की निरंतर आवाजाही के कारण डीलरों को वाहनों की थोक बिक्री भी इस साल नवंबर में 19 फीसदी बढ़ गई और 18 लाख गाड़ियां बिक गईं।
इक्रा ने कहा कि हाल में जीएसटी दरों में की गई कटौती और मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) की प्रचार पेशकशों ने खुदरा मांग में कमी के बावजूद डीलरों को स्टॉक जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इसके विपरीत, इस महीने खुदरा बिक्री में एक साल पहले के मुकाबले 3.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई जो इस वित्त वर्ष में त्योहारी सीजन जल्द शुरू होने और अक्टूबर में रिकॉर्ड बिक्री के बाद बने उच्च आधार के प्रभाव को दर्शाती है। मगर जीएसटी दरों में कटौती को लेकर सकारात्मक माहौल और शादी के सीजनमें मांग के कारण डीलरों की पूछताछ निरंतर बनी रही। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार, दशहरा और दीवाली के बीच 42 दिनों की त्योहारी अवधि में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री में पिछले साल के मुकाबले इस साल 22 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। ग्रामीण धारणा में सुधार, नकदी की दमदार स्थिति और कर दरों में कमी से इसे बल मिला है।
डीलरों ने इस सीजन को हाल के वर्षों में सर्वश्रेष्ठ बताया। उन्होंने मोटरसाइकलों और स्कूटरों की मजबूत मांग के साथ-साथ इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में उपभोक्ताओं की बढ़ती रुचि का हवाला दिया। फाडा ने कहा कि त्योहारी मांग और नीतिगत समर्थन के मेल से इस खंड की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
फाडा के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री में एक साल पहले के मुकाबले 2.5 फीसदी की मामूली गिरावट दर्ज की गई, जिससे बिक्री की संख्या भी पिछले साल की 1,43,887 गाड़ियों से घटकर 1,16,982 गाड़ियां रह गईं।