डिजिटल इंजीनियरिंग पर केंद्रित कंपनी ग्लोबललॉजिक को एआई वाले प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट (पीओसी) को पूर्ण स्तर की तैनाती में बदलने के मामले में काफी ज्यादा सफलता दिख रही है। यह ऐसे समय हो रहा है, जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बदौलत संगठनों में मूल्य सृजित होने की क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
कंपनी ने देखा है कि उसकी एआई की प्रायोगिक शुरुआत का 40 से 50 प्रतिशत भाग उत्पादन में जा रहा, क्योंकि उद्यम खासे कारोबारी परिणाम हासिल करने के लिए एजेंटिक और फिजिकल एआई पर तेजी से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
ग्लोबललॉजिक के मुख्य डिलिवरी अधिकारी एथन माट्यास ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा, ‘व्यापक उद्योग की कुछ खबरें जो संकेत दे रही हैं, उसके मुकाबले हमारे मामले में कामयाबी की दर काफी ज्यादा है।’‘मोटे तौर पर हम जिन पीओसी पर काम करते हैं, उनमें से 40 से 50 प्रतिशत फॉलो-ऑन उत्पाद कार्य में तब्दील हो जाते हैं।’
ये टिप्पणियां उद्यमों के एआई से रिटर्न को लेकर बढ़ते संदेह के बीच एमआईटी के नेतृत्व वाली ‘स्टेट ऑफ एआई इन बिजनेस’ अध्ययन जैसी रिपोर्टों के बाद आई हैं। इन अध्ययनों में पाया गया कि लगभग सभी कंपनियां एआई के साथ प्रयोग कर रही हैं, लेकिन केवल एक छोटे-से हिस्से में ही दमदार मूल्य नजर आ रहा है। माट्यास ने ग्लोबललॉजिक की इस अधिक बदलाव दर का श्रेय अग्रिम लागत वाली मॉडलिंग, परिवर्तन प्रबंधन योजना और एआई के अर्थशास्त्र के संबंध में स्पष्ट अपेक्षाओं को दिया।
ग्लोबललॉजिक के समूह के उपाध्यक्ष और एशिया प्रशांत के प्रमुख पीयूष झा ने कहा कि एआई पहले से ही इंजीनियरिंग, गुणवत्ता और संचालन में डिलिवरी के अर्थशास्त्र को नया आकार दे रहा है। झा ने कहा, ‘लगभग सभी ग्राहक जिनके साथ हमने पीओसी किए हैं, हम चीजों को उत्पादन में लाए हैं। इसलिए हम सक्रिय रूप से एआई का उपयोग कर रहे हैं। हम 112 अलग-अलग जगहों पर उत्पादन के सेटअप में एआई का उपयोग कर रहे हैं।’