आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के कारण बड़े स्तर पर नौकरियां जाने के डर से घबराए लोगों के लिए अच्छी खबर है। देश में वर्ष 2027 तक एआई क्षेत्र में 23 लाख नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। खास यह कि इन पदों को भरने के लिए केवल 12 लाख प्रतिभाएं ही उपलब्ध होंगी। यानी अगले दो साल में इस क्षेत्र में लगभग दस लाख पेशेवरों की कमी होगी। इस अंतर को पाटने के लिए बड़े स्तर पर लोगों को पुन: प्रशिक्षित करना होगा।
यह आकलन बेन ऐंड कंपनी द्वारा वैश्विक स्तर पर किए गए शोध से सामने आया है। वर्ष 2025 में देश का एआई प्रतिभा पूल 9,40,000 हो जाएगा जो पिछले वर्ष 8,00,000 लाख था। लेकिन इस दौरान बाजार में काम करने के लिए 15 लाख एआई पेशेवरों की जरूरत होगी, जो 20 लाख तक भी जा सकती है। इस प्रकार यह मांग उपलब्ध एआई प्रशिक्षित कुशल पेशेवरों से दोगुनी हो सकती है। साल 2026 में भी देश में केवल एआई प्रशिक्षित कर्मचारियों की संख्या 10.8 लाख ही होगी, लेकिन मांग इससे लगभग दोगुनी वृद्धि के साथ 21.6 लाख होने का अनुमान है।
बेन ऐंड कंपनी में पार्टनर एवं लीड (एआई इनसाइट ऐंड सॉल्यूशंस प्रैक्टिस) सैकत बनर्जी कहते हैं, ‘भारत के पास वैश्विक एआई टैलेंट हब के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने का यह बेहतरीन अवसर है। यहां एआई क्षेत्र में कुल उपलब्ध पेशेवरों के मुकाबले नौकरियों के अवसर डेढ़ से दोगुना अधिक होने की उम्मीद है। इसलिए उभरती तकनीकी जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे बड़ी चुनौती मौजूदा कार्यबल का बड़ी संख्या में पुन: प्रशिक्षण और कौशल विकास करना है।’