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लेख

वृहद आर्थिक परिस्थितियों की नहीं होनी चाहिए अनदेखी

सन 2020 कतई 2008 जैसा नहीं है। वैश्विक अर्थव्यवस्था जिस संकट से गुजर रही है वह वित्तीय संकट नहीं बल्कि जन स्वास्थ्य संकट है जो अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। दोनों वर्षों में इकलौती समानता यह है कि अर्थव्यवस्था की हालत एकदम खस्ता है। सन 2008 में ऐसा वित्तीय तंत्र ध्वस्त होने के कारण […]

लेख

राजकोषीय खाका जरूरी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को इस समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में कहा कि सरकार ने अब तक यह तय नहीं किया है कि अर्थव्यवस्था को और अधिक गतिशील बनाने के लिए एक और राजकोषीय प्रोत्साहन कब दिया जाएगा और उसका आकार क्या होगा। समय तेजी से हाथ से निकलता जा रहा […]

लेख

रिजर्व बैंक की बढ़ती जा रहीं चुनौतियां

महामारी के भयावह रूप धारण कर लेने से पिछले कुछ महीने मुश्किल भरे रहे हैं। मगर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इन मुश्किलों से बड़ी सहजता से पार पाने में सफल रहा है। केंद्रीय बैंक ने दर में कटौती, तरलता डालने और नकदी आपूर्ति में बढ़ोतरी समेत हरसंभव तरीके से अर्थव्यवस्था को सहारा दिया है। आरबीआई […]

लेख

नकारात्मक संकेत मिल रहे बाजार से

यह बात बार-बार दोहराई जाती रही है कि निवेशक दीर्घावधि में भारत की वृद्धि के पूर्वानुमान को लेकर चिंतित हैं। प्रश्न यह है कि भारत की वास्तविक ढांचागत वृद्धि दर क्या है? महामारी के झटके के बाद वित्त वर्ष 2022 में वृद्धि दर कितनी तेजी से और किस स्तर तक वापसी करेगी? जैसा कि अरविंद […]

बाजार

मूडीज के कदम से बेफिक्र बाजार

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेटर्स सर्विस द्वारा भारत की रेटिंग घटाए जाने का निवेशकों की धारणा पर कोई असर नहीं पड़ा और बेंचमार्क सूचकांकों में अच्छी बढ़त देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार पांचवें दिन तेजी रही और दोनों सूचकांक 1.6 फीसदी बढ़त पर बंद हुए। शेयर बाजार के साथ-साथ बॉन्ड और मुद्रा बाजार […]

अर्थव्यवस्था

मूडीज ने घटाई भारत की रेटिंग

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (मूडीज) ने भारत की विदेशी मुद्रा और स्थानीय मुद्रा में दीर्घावधि की रेटिंग को बीएए2 से घटाकर बीएए3 कर दिया है। इसके साथ ही रेटिंग एजेंसी ने इसके परिदृश्य को नकारात्मक बनाए रखा है। रेटिंग एजेंसी ने भारत की स्थानीय मुद्रा की दीर्घावधि रेटिंग भी बीएए2 से घटाकर बीएए3 […]