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RBI ने बैंकों को कहा: सभी शाखाओं में ग्राहकों को बुनियादी सेवाएं सुनिश्चित करें, सुधार जरूरीसाल 2025 बना इसरो के लिए ऐतिहासिक: गगनयान से भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की उलटी गिनती शुरूदिल्ली देखेगी मेसी के कदमों का जादू, अर्जेंटीना के सुपरस्टार के स्वागत के लिए तैयार राजधानीदमघोंटू हवा में घिरी दिल्ली: AQI 400 के पार, स्कूल हाइब्रिड मोड पर और खेल गतिविधियां निलंबितUAE में जयशंकर की कूटनीतिक सक्रियता: यूरोप ब्रिटेन और मिस्र के विदेश मंत्री से की मुलाकात‘सच के बल पर हटाएंगे मोदी-संघ की सरकार’, रामलीला मैदान से राहुल ने सरकार पर साधा निशानासेमाग्लूटाइड का पेटेंट खत्म होते ही सस्ती होंगी मोटापा और मधुमेह की दवाएं, 80% तक कटौती संभवप्रीमियम हेलमेट से Studds को दोगुनी कमाई की उम्मीद, राजस्व में हिस्सेदारी 30% तक बढ़ाने की कोशिशकवच 4.0 के देशभर में विस्तार से खुलेगा भारतीय रेलवे में ₹50 हजार करोड़ का बड़ा सुरक्षा बाजारइंडिगो का ‘असली’ अपराध क्या, अक्षमता ने कैसे सरकार को वापसी का मौका दिया
ताजा खबरें

डिजिटल फर्मों के विलय की जांच में यूजर की संख्या भी अहम

डिजिटल कारोबारों के विलय को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच का उसी ​स्थिति में सामना करना पड़ सकता है, अगर उसका ग्राहक आधार, उपयोगकर्ता का डेटा अ​धिक हो। इन मानदंडों को भारत में कारोबार का व्यापक परिचालन के तहत निर्धारित किया जाएगा। बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में सीसीआई के प्रमुख अशोक कुमार गुप्ता […]

लेख

आर्थिक सिद्धांतों के जरिये राजनीति की समझ

यह 1960 के दशक की बात है जब दिल्ली विश्वविद्यालय में ‘संयुक्त’ ऑनर्स (प्रतिष्ठा) डिग्री का चलन था। उसकी संकल्पना ऑक्सफर्ड के पीपीई (दर्शनशास्त्र, राजनीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र) या कैंब्रिज स्नातक-त्रयी के आधार पर की गई थी। मेरे ख्याल से 1966 में उन्होंने इसे बंद कर दिया। अगर उन्होंने उसे बीए पास कोर्स से एक पांत […]

लेख

आर्थिक सिद्धांतों के जरिये राजनीति की समझ

यह 1960 के दशक की बात है जब दिल्ली विश्वविद्यालय में ‘संयुक्त’ ऑनर्स (प्रतिष्ठा) डिग्री का चलन था। उसकी संकल्पना ऑक्सफर्ड के पीपीई (दर्शनशास्त्र, राजनीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र) या कैंब्रिज स्नातक-त्रयी के आधार पर की गई थी। मेरे ख्याल से 1966 में उन्होंने इसे बंद कर दिया। अगर उन्होंने उसे बीए पास कोर्स से एक पांत […]

बैंक

अन्य बैंकों का सस्ता ऋण एचडीएफसी पर पड़ा भारी

निजी क्षेत्र के देश के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक ने मई में ब्याज दरें बढ़ाने के बाद प्रतिस्पर्धा में 50,000 करोड़ रुपये थोक ऋण गंवाया है। एक एनॉलिस्ट कॉल में एचडीएफसी बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने कहा, ‘थोक सेग्मेंट में दरों में बदलाव के बाद हमें 40,000 करोड़ रुपये से […]

बाजार

ब्लिंकइट से जोमैटो के मुनाफे की राह हो सकती है धीमी

विश्लेषकों का कहना है कि मुनाफे की अस्थिर राह और क्विक कॉमर्स उद्योग में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच ब्लिंकइट के महंगे अधिग्रहण से जोमैटो में लाभ वृद्धि की संभावना में विलंब हो सकता है।  इन चिंताओं से फूड डिलिवरी कंपनी का शेयर 6.4 प्रतिशत गिर कर सोमवार को बीएसई पर 65.8 रुपये पर आ गया। […]

वित्त-बीमा

कमजोर है डायग्नोस्टिक फर्मों का अल्पावधि का परिदृश्य

डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र सूचीबद्ध बड़ी फर्मों के मार्च तिमाही के नतीजे अच्छी तस्वीर पेश नहीं करते। प्रतिस्पर्धा का दबाव, खुद के दम पर आगे बढऩे की कमजोर रफ्तार, एकीकरण की चुनौतियां और उच्च लागत ने इस क्षेत्र की कंपनियों का परिचालन के स्तर पर प्रदर्शन प्रभावित किया है। इसे देखते हुए ब्रोकरेज फर्मों ने तीन […]

आईटी

5जी नीलामी में बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा

उद्यमों को डिजिटल समाधान मुहैया कराने वाली कंपनियां भी 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने के बारे में विचार कर रही हैं। इस कदम से दूरसंचार क्षेत्र में कंपनियों की संख्या बढ़ेगी। अभी इस क्षेत्र में केवल तीन मोबाइल दूरसंचार प्रदाता- रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ही मौजूद हैं। उनमें से कम से […]

आईटी

5जी स्पेक्ट्रम की होगी जल्द नीलामी

आगामी 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के दौरान किसी गलाकाट प्रतिस्पर्धा और कीमतों में तेजी की उम्मीद न करें। अधिकतर सर्किल में स्पेक्ट्रम की कीमतें आधार मूल्य के करीब निपट सकती हैं। हालांकि कुछ दूरसंचार कंपनियों का कहना है कि यदि तीनों ऑपरेटर अधिक से अधिक 5जी स्पेक्ट्रम हासिल करना चाहेंगे तो दिल्ली और मुंबई में मुकाबला […]

लेख

निकट भविष्य में कायम रहेगी डॉलर की मजबूती

जाने-माने अर्थशास्त्री बैरी आइटग्रीन ने मार्च 2011 में द वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक आलेख में कहा था, ‘डॉलर का दौर समाप्त हो रहा है। मेरा मानना है कि अगले 10 वर्षों में हम एक ऐसी दुनिया की ओर बढ़ जाएंगे जहां कई मुद्राओं के बीच दबदबे की प्रतिस्पर्धा होगी।’ उनकी पुस्तक एक्सोर्बिटैंट प्रिविलेज: […]

लेख

उद्योग जगत का दुर्लभ स्वर

भारतीय उद्योग जगत के बारे में कही जाने वाली बातों में एक यह भी है कि वह सार्वजनिक रूप से तो सरकार की सराहना करता है लेकिन अनौपचारिक बातचीत में उसका कटु आलोचक है। परंतु गत 12 फरवरी को दिवंगत हुए राहुल बजाज (83 वर्ष) ऐसे नहीं थे। निरंतर बदलते नीतिगत परिदृश्य में प्रतिस्पर्धा करते […]