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5जी स्पेक्ट्रम की होगी जल्द नीलामी

Last Updated- December 11, 2022 | 7:06 PM IST

आगामी 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के दौरान किसी गलाकाट प्रतिस्पर्धा और कीमतों में तेजी की उम्मीद न करें। अधिकतर सर्किल में स्पेक्ट्रम की कीमतें आधार मूल्य के करीब निपट सकती हैं। हालांकि कुछ दूरसंचार कंपनियों का कहना है कि यदि तीनों ऑपरेटर अधिक से अधिक 5जी स्पेक्ट्रम हासिल करना चाहेंगे तो दिल्ली और मुंबई में मुकाबला दिख सकता है।
बहुप्रतीक्षित 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी और नई हाईस्पीड सेवाओं के लिए भारत की पहल के लिए कल रात दूरसंचार विभाग के सामने आगे की राह काफी हद तक स्पष्ट दिख रहा था। पिछले संदर्भ के बारे में दूरसंचार नियामक ट्राई की प्रतिक्रिया ने दूरसंचार विभाग को तीन प्रमुख मुद्दों- आवंटित स्पेक्ट्रम की वैधता अवधि, 27.5 गीगाहट्र्ज से 28.5 गीगाहट्र्ज में नीलामी का स्थगन और बीएसएनएल/एमटीएनएल के लिए आरक्षित स्पेक्ट्रम की मात्रा- पर निर्णय लेना आसान कर दिया। इसने प्रक्रिया को भी सुगम बना दिया है।
सूत्रों का कहना है कि अब जल्द ही आगे कदम बढ़ाए जाने की उम्मीद है। 5जी स्पेक्ट्रम के अनुमोदन अथवा उसे सीधे कैबिनेट के पास भेजने के लिए डीसीसी की बैठक इसी सप्ताह होने की उम्मीद है। दूरसंचार विभाग जून में नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर सकता है और दूरसंचार कंपनियों का कहना है कि सब कुछ ठीक रहा तो इस साल के अंत तक सीमित 5जी सेवाओं की शुरुआत हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को 5जी सेवाओं का प्रदर्शन कर सकते हैं। सभी के लिए पर्याप्त स्पेक्ट्रम उपलब्ध है। दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए कुछ 5जी स्पेक्ट्रम को आरक्षित किया है। दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए दो 5जी बैंड में स्पेक्ट्रम की खरीदारी पर 40 फीसदी की सीमा निर्धारित की गई है।
जरा इस पर गौर करें: 3,300-3,670 मेगाहट्र्ज के महत्त्वपूर्ण 5जी बैंड में दूरसंचार विभाग ने सरकारी कंपनियों के लिए 40 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम आरक्षित करने का निर्णय लिया है। परिणामस्वरूप प्रत्येक ऑपरेटर द्वारा स्पेक्ट्रक खरीद की सीमा 130 मेगाहट्र्ज तक पहुंच सकती है और यदि भारती एयरटेल एवं रिलायंस जियो उस सीमा तक पहुंचती हैं तो वोडाफोन आइडिया के लिए 70 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम बचेगा जो 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए पर्याप्त है।
वैश्विक स्तर पर दूरसंचार कंपनियों ने आमतौर पर 100 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम के साथ अपनी 5जी सेवाएं शुरू की हैं। यदि तीनों दूरसंचार कंपनियां इसी राह पर आगे बढ़ती हैं तो अतिरिक्त स्पेक्ट्रम बच जाएगा। यदि वोडाफोन आइडिया द्वारा 5जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर दूरसंचार नियामक को लिखे गए पत्र पर गौर किया जाए तो उसने आग्रह किया है कि इस बैंड में समीपवर्ती 80 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम का आवंटन किया जाना चाहिए।
मिलीमीटर बैंड यानी 24.25 गीगाहट्र्ज से 28.5 गीगाहट्र्ज के बीच बैंड में नीलामी के लिए उपलब्ध स्पेक्ट्रम की मात्रा 1.4 गीगाहट्र्ज कम हो जाएगी। दरअसल दूरसंचार विभाग आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी में 24.25 से 28.5 गीगाहट्र्ज बैंड को शामिल नहीं करना चाहता है। विभाग ने मिलीमीटर बैंड में 400 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम को सरकारी दूरसंचार कंपनियों के लिए आरक्षित किया है।

First Published - May 10, 2022 | 11:33 PM IST

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