विश्लेषकों का कहना है कि मुनाफे की अस्थिर राह और क्विक कॉमर्स उद्योग में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच ब्लिंकइट के महंगे अधिग्रहण से जोमैटो में लाभ वृद्धि की संभावना में विलंब हो सकता है। इन चिंताओं से फूड डिलिवरी कंपनी का शेयर 6.4 प्रतिशत गिर कर सोमवार को बीएसई पर 65.8 रुपये पर आ गया। तुलनात्मक तौर पर, सेंसेक्स 0.8 प्रतिशत तेजी के साथ बंद हुआ।
जोमैटो को ब्लिंकइट के स्टोर अगले एक साल में मुनाफे में आने की संभावना है और तीन साल से भी कम समय में एबिटा स्तरों पर उसका पूरा व्यवसाय मजबूत हो सकता है।
जेएम फाइनैंशियल द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हालांकि सीमित वित्तीय और परिचालन आंकड़े की वजह से कम परिचालन रिकॉर्ड, और गहरी प्रतिस्पर्धा के कारण हमारा मानना है कि ब्लिंकइट सिर्फ वित्त वर्ष 2027 तक ही मुनाफे में आ पाएगी। इसके परिणामस्वरूप, हमारा मानना है कि मुनाफे के लिए जोमैटो की राह वित्त वर्ष 2025 से वित्त वर्ष 2026 तक बढ़ सकती है।’
ब्लिंकइट के नेटवर्क में 400 से ज्यादा स्टोर शामिल हैं। एडलवाइस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है, ‘जहां औसत ऑर्डर वैल्यू (एओवी) 509 रुपये थी, और 14.4 प्रतिशत की दर मजबूत है, वहीं प्रति ऑर्डर में लाभ का योगदान -84 रुपये के हिसाब से कमजोर है। बढ़ते उत्पादन के साथ साथ घटती प्रति डिलिवरी लागत भी मुनाफे का मुख्य वाहक होगी।’ वैश्विक ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस का कहना है कि ब्लिंकिट के व्यवसाय की शुरुआती वृद्धि की स्थिति को देखते हुए सौदे से वित्त वर्ष 2023/वित्त वर्ष 2024 में जोमैटो को एबिटा नुकसान बढ़ने की आशंका है।
महंगा सौदा
सौदे के तहत 4,508 करोड़ रुपये की खरीदारी का भुगतान 4,448 करोड़ रुपये के लिए ब्लिंकइट कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड के शेयर खरीद समझौते में ब्लिंकिट के इक्विटीधारकों को किया जाएगा और यह निपटान 70.76 रुपये की तरजीही आवंटन कीमत पर करीब 62.9 करोड़ जोमैटो शेयरों के निर्गम के जरिये किया जाएगा।
मौजूदा सौदे के साथ ब्लिंकइट की वैल्यू 75 करोड़ डॉलर पर अगस्त, 2021 मूल्यांकन के मुकाबले कम पर है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘जहां कंपनी ने पूर्व में चुकता मूल्यांकन को अलग किया है, लेकिन हमारा मानना है कि ब्लिंकइट को 25 करोड़ डॉलर के अन्य निवेश की जरूरत होगी जिसे वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान खर्च किया जा सकेगा। इससे ब्लिंकइट में जोमैटो का कुल निवेश बढ़कर 1.05 अरब डॉलर पर पहुंच जागा, जिसमें मौजूदा सौदा,और पिछले साल अगस्त में किया गया निवेश भी शामिल है।’
बढ़ती प्रतिस्पर्धा
विश्लेषकों का मानना है कि क्विक कॉमर्स से वित्त वर्ष 2023-25 के दौरान रिलायंस रिटेल (डंजो के जरिये), टाटा की बिगबास्केट, स्विगी की इंस्टामार्ट, फ्लिपकार्ट की क्विक जैसी कंपनियों के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ सकती है, क्योंकि ये कंपनियां पहले से ही अपना दबदबा बनाए हुए हैं।