दिल्ली की खराब हवा सुधारने के लिए दिल्ली सरकार ने आज से कुछ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इन कदमों के तहत प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती की जा रही है। सरकार ने पेट्रोल पंप संचालकों को आज से बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र के वाहनों को ईंधन न देने के निर्देश दिए थे। जिसका असर दिखने लगा है। वाहन मालिक अब तेजी से पीयूसी प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं। बिना वैध पीयूसी प्रमाणपत्र किसी वाहन को ईंधन न दिया जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने खुद पेट्रोल पंपों पर जाकर निरीक्षण किया।
दिल्ली सरकार ने गुरुवार से पेट्रोल पंप संचालकों को ऐसे वाहनों में ईंधन जैसे डीजल-पेट्रोल और सीएनजी नहीं भरने के निर्देश दिए थे, जिनके पास वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं हैं। सरकार के इस कदम से पीयूसी प्रमाणपत्र बनवाने वालों की पेट्रोल पंपों पर भीड़ उमड़ रही है। दिल्ली पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन के मुताबिक सरकार के इस आदेश से पहले दिल्ली में पेट्रोल पंपों पर रोजाना 16 से 18 हजार के बीच पीयूसी प्रमाणपत्र जारी हो रहे थे। सरकार ने 16 दिसंबर को बिना पीयूसी प्रमाणपत्र के ईंधन न देने के निर्देश दिए थे। इस दिन दिल्ली में 17,732 पीयूसी प्रमाणपत्र जारी हुए और इसके अगले दिन यानी 17 दिसंबर को इनकी संख्या तेजी से बढ़कर 31,197 हो गई।
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स सोसिएशन(डीपीडीए) के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने कहा कि पीयूसी प्रमाणपत्र स्टेशनों पर लंबी कतार हैं और पीयूसी सर्वर धीरे काम कर रहा है। इस बीच, पीयूसी उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। बिना वैध पीयूसी प्रमाणपत्र वाली गाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई तीन साल में तीन गुना से ज्यादा बढ़ गई है। 2023 में 232,000 चालान हुए, जो 15 दिसंबर 2025 तक बढ़कर 822,000 हो गए हैं। इनमें से लगभग 157,000 चालान, जिनमें से हर एक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगा है।
राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली के बाहर पंजीकृत गैर बीएस-6 मानक वाले निजी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध के साथ ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम लागू होने के कारण दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने गुरुवार कार्रवाई तेज कर दी है। कई पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरने की अनुमति देने से पहले ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को वाहनों के पीयूसी प्रमाणपत्रों की व्यक्तिगत रूप से जांच करते देखा गया। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली भर में विभिन्न स्थानों पर 100 से अधिक टीमें तैनात की गई हैं। अंतरराज्यीय सीमाओं सहित 126 चौकियों पर 580 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीमों को भी पेट्रोल पंपों और प्रवेश बिंदुओं पर तैनात किया गया है। दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी वाहन की कतारों के प्रबंधन तथा जांच करने में सहायता कर रहे हैं। ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत शहर की सीमा पर निगरानी भी तेज हो गई है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि ग्रेप के दौरान, एनफोर्समेंट टीमों ने 290,000 बिना मंज़िल वाले मालवाहक गाड़ियों की चेकिंग की, जिनमें से 8,682 को वापस भेजा गया।
सीएक्यूएम के निर्देशों के बाद, जिसमें 1 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच बीएस-3 और उससे कम स्टैंडर्ड वाली डीजल कमर्शियल गाड़ियों पर बैन लगाया गया था, 3,393 ऐसी गाड़ियों को शहर में एंट्री नहीं दी गई, जबकि सैकड़ों और गाड़ियों पर शहर के अंदर जुर्माना लगाया गया। 2025 में ज्यादा उम्र की गाड़ियों को जब्त करने की संख्या अब तक लगभग 19,500 हो चुकी है।
प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए आज से वाहन प्रदूषण पर सख्ती की जा रही है। हालांकि इसका असर आज नहीं दिखा क्योंकि गुरुवार को प्रदूषण कम होने के बजाय बुधवार की तुलना में थोड़ा बढ़ गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा रोजाना शाम 4 बजे जारी किए जाने वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुलेटिन के मुताबिक 17 दिसंबर को बीते 24 घंटे में दिल्ली में एक्यूआई 334 दर्ज किया गया था, जो गुरुवार के एक्यूआई बुलेटिन के मुताबिक बढ़कर 373 हो गया। यह प्रदूषण की बहुत खराब श्रेणी में आता है।
(साथ में एजेंसियां)