शिपयार्ड प्रमुख और प्रबंध निदेशक कमोडोर के सुब्रमण्यम और दक्षिणी नौसैन्य कमान के फ्लैग आफीसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल सतीश सोनी ने शिपयार्ड पर पिं्रस चाल्र्स की अगवानी की और उन्हें विमानवाहक पोत तक लेकर गए।
चाल्र्स करीब आधे घंटे तक पोत में रहे। इस दौरान वह फ्लाइट डेक तथा हैंगर डेक पर गये। उनके साथ कमोडोर सुब्रमण्यम, वाइस एडमिरल सतीश सोनी, रियर एडमिरल एम एस पवार, फ्लैग आफीसर सी ट्रेनिंग एंड कमोडोर प्रदीप कुमार मौजूद थे।
भारत ने इस साल अगस्त में पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का जलावतरण किया था और इसी के साथ वह इतने बड़े आकार और क्षमता का पोत बनाने वाले देशों की सूची में शामिल हो गया।
पोत के वर्ष 2016 में परीक्षणों के लिए और वर्ष 2018 तक बेड़े में शामिल होने के लिए तैयार होने की संभावना है।
कमोडोर सुब्रमण्यम ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि प्रिंस चाल्र्स सीएसएल में करीब डेढ घंटे तक रहे और वह कामकाज की गुणवत्ता से बहुत खुश थे। वह जानना चाहते थे कि इसके तब तक बेड़े में शामिल होने की संभावना है।
जारी भाषा
 
                   
                   
                   
                   
                  