उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने निजी क्षेत्र के औद्योगिक पार्क, लॉजिस्टिक और वेयर हाउस बनाने वाले उद्यमियों को बड़ी सहूलियतें देने का ऐलान किया है। निवेश प्रोत्साहन व उद्यमियों को सुविधाएं देने के लिए एक नयी एजेंसी इन्वेस्ट यूपी के भी गठन का फैसला किया गया है। निजी क्षेत्र के औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए जरूरी भूमि की सीमा को घटा दिया गया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 में बदलाव किए गए हैं। अब प्रदेश में बुंदेलखंड व पूर्वांचल में निजी क्षेत्र कम से कम 20 एकड़ जमीन में औद्योगिक पार्क बना सकेंगे। मध्यांचल व नोएडा गाजियाबाद सहित पश्चिमांचल में निजी औद्योगिक पार्क बनाने के लिए 30 एकड़ या उससे अधिक जमीन की जरूरत होगी। मंगलवार देर शाम हुयी मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। बैठक में उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग तथा लॉजिस्टिक्स नीति-2018 के तहत जरूरी बदलावों के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है। अब प्रदेश में 50 एकड़ की जगह पर 25 एकड़ जमीन होने पर भी लॉजिस्टिक पार्क या वेयरहाउस की स्थापना की जा सकेगी। इससे पहले प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट के दौर में ही लॉजिस्टक पार्क व वेयरहाउसिंग को उद्योग का दर्जा दिया था। एक अन्य फैसले में मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश निवेश प्रोत्साहन एवं सुविधा एजेंसी इन्वेस्ट यूपी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रस्ताव के मुताबिक इन्वेस्ट यूपी की स्थापना उद्योग बंधु को मजबूत करेगी। इस नयी संस्था के लिए प्रोफेशनल मैन पावर की व्यवस्था की जाएगी। इस एजेंसी के ढांचे में गवर्निंग बोर्ड एवं संचालन समिति होंगे। गवर्निंग बोर्ड की अध्यक्षता मुख्यमंत्री करेंगे। प्रदेश सरकार ने औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति के तहत लगाए गए उद्यमों को इंसेटिव के तौर स्टेट जीएसटी की प्रतिपूर्ति की सुविधा देने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर(एसओपी) के निर्धारण के प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है।
