भारत का गढ़ ढहता दिख रहा है। ईडन गार्डन्स में कम स्कोर वाले रोमांचक मुकाबले में मेजबान टीम को शुभमन गिल की कमी सबसे ज्यादा खली। ऐसी पिच पर जहां हर रन की कीमत थी, गिल जैसे क्लास और संयम वाले बल्लेबाज मैच का रुख बदल सकते थे। लेकिन दक्षिण अफ्रीका को श्रेय देना होगा, जिसेन तीसरे दिन सुबह जोरदार वापसी की और 15 साल में भारत में अपनी पहली जीत हासिल की।
मैच दिन की शुरुआत में भारत के कंट्रोल में की थी, लेकिन टेम्बा बावुमा की जुझारू और संयम भरी पारी, जिसमें कोर्बिन बॉश ने 44 रनों की साझेदारी निभाई। इसने दक्षिण अफ्रीका को ऐसा स्कोर तक पहुंचाया जिसे उनके गेंदबाज खराब होती पिच पर डिफेंड कर सके।
मार्को जानसेन की दोहरी सफलता ने माहौल बना दिया। उनका यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल को जल्दी आउट करना फायदे में रहा। दबाव और बढ़ता गया क्योंकि साइमन हार्मर ने लगातार सटीक गेंदबाजी से दबाव बनाए रखा, फिर एडेन मार्कराम और केशव महाराज ने आकर काम पूरा किया।
ईडन गार्डन्स के घरेलू दर्शकों के लिए नतीजा झकझोर देने वाला था। कई लोग आसान जीत की उम्मीद लेकर आए थे; इसके बजाय उन्होंने भारत को घरेलू टर्निंग ट्रैक पर एक बार फिर लड़खड़ाते देखा।
कुलदीप यादव के हार्मर का शिकार होने के बाद अक्षर पटेल ने सावधानी छोड़ दी, जसप्रीत बुमराह के साथ मिलकर रफ्तार पकड़ने की कोशिश की। बावुमा ने महाराज को लाया — एक मैच-अप जो अक्षर को पसंद था — और लेफ्ट हैंडर ने जवाब दिया: एक चौका, एक छक्का, और लॉन्ग-ऑन के ऊपर एक और ऊंचा छक्का। ये हिट भारत की 76 गेंदों में पहली बाउंड्री थी।
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लेकिन ये जोखिम ज्यादा देर नहीं चला। अक्षर ने स्लॉग मिस किया और मिडविकेट पर बावुमा ने शानदार कैच लपका। अगली गेंद पर मोहम्मद सिराज ने स्लिप में एज दे दिया, और इसके साथ ही भारत का प्रतिरोध खत्म। महाराज ने 16 रन देने के बाद दो गेंदों में दो विकेट लेकर ओवर खत्म किया। यह एक रोमांचक टेस्ट का ड्रामाई अंत रहा। दक्षिण अफ्रीका ने 30 रन से जीत दर्ज की, सीरीज में 1-0 की बढ़त ली, और 2009 के बाद भारत में अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज की।