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यात्री वाहन बाजार में दौड़ीं देसी कंपनियां

Last Updated- December 11, 2022 | 7:58 PM IST

टाटा मोटर्स की बाजार भागीदारी में भारी तेजी पर आधारित भारतीय यात्री वाहन (पीवी) विनिर्माताओं ने वित्त वर्ष 2022 के अंत में संपूर्ण बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर तीन वर्ष के ऊंचे स्तर पर कर ली। यह सफलता जापानी निर्माताओं की वजह से मिली है। हालांकि उन्होंने सर्वाधिक हिस्सेदारी लगातार हासिल की है, लेकिन उनका योगदान समान अवधि में घटा है। यह खुलासा फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (फाडा) के नए रिटेल बाजार के आंकड़े पर आधारित विश्लेषण से सामने आया है।
फाडा को तीन राज्यों से आंकड़े हासिल नहीं हुए हैं, लेकिन पंजीकरण आंकड़े के आधार पर बाजार भागीदारी व्यापक बाजार रुझान के अनुकूल प्रतिनिधित्व पर आधारित है।
जापानी पीवी निर्माताओं की संयुक्त भागीदारी वित्त वर्ष 2020 के अंत के 57.4 प्रतिशत से घटकर 51 प्रतिशत रह गई। इन निर्माताओं में मारुति सुजूकी इंडिया (एमएसआईएल), टोयोटा किर्लोस्कर मोटर, होंडा कार्स इंडिया, और निसान मोटर इंडिया मुख्य रूप से शामिल हैं।
जापानी निर्माताओं की कुल भागीदारी एमएसआईएल द्वारा प्रभावित हुई थी क्योंकि उसकी भागीदारी 48.33 प्रतिशत से कमजोर पड़कर समान अवधि के दौरान 42 प्रतिशत पर रह गई। इसके विपरीत, भारतीय पीवी निर्माताओं ने कंट्री-ऑफ-ऑरिजिन-प्रोफाइल के संदर्भ में सबसे ज्यादा तेजी दर्ज की। इनमें टाटा मोटर्स, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) और फोर्स मोटर्स ने समान अवधि के दौरान 500 आधार अंक की वृद्घि दर्ज की।
दक्षिण कोरिया, जर्मनी और फ्रांस समेत कई देशों के निर्माताओं की भागीदारी या तो घटी या उसमें काफी कम तेजी दर्ज की गई, क्योंकि सेमीकंडक्टर किल्लत का प्रभाव दर्ज किया गया।
स्वदेशी कंपनियों में, टाटा मोटर्स ने स्वतंत्र तौर पर इस वृद्घि का नेतृत्व किया। सफरी और नेक्सन मॉडलों की निर्माता ने पूरे वर्ष के लिए अपनी खुदरा बाजार भागीदारी का अग्रिम आंकड़ा वित्त वर्ष 2022 में 11.45 प्रतिशत दर्ज किया है, जो वित्त वर्ष 2020 के 5.86 प्रतिशत के मुकाबले ज्यादा है।
टाटा समूह की यह प्रमुख कंपनी (वर्ष 2018-19 तक कमाजेर प्रदर्शन किया) ने तीन वर्ष पहले बदलाव की रणनीति का लाभ उठाया था। वह मासिक आधार पर पीवी बाजार में अपनी स्थिति मजबूत बना रही है और दबदबे के संदर्भ में तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है।
जैटो डायनेमिक्स (ऑटोमोटिव बिजनेस इंटेलीजेंस की वैश्विक आपूर्तिकर्ता) के अध्यक्ष एवं निदेशक रवि भाटिया ने इस रुझान के लिए घरेलू मूल उपकरण निर्माताओं की मजबूती और इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता के साथ साथ तेजी से बढ़ रहे स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) सेगमेंट में आकर्षक पेशकशों को जिम्मेदार बताया है। उन्हें चालू वर्ष में यह सकारात्मक रुझान बरकरार रहने की संभावना है।
सेमीकंडक्टर किल्लत के बीच टाटा मोटर्स की घरेलू बिक्री वित्त वर्ष 2022 में 67 प्रतिशत बढ़ी।
पिछले सप्ताह टाटा मोटर्स पीवी एवं टाटा मोटर्स पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए कहा, ‘यदि चिप की किल्लत नहीं होती तो हम बेहतर प्रदर्शन करते।’
एमऐंडएम ने भी वित्त वर्ष 2022 के अंत में सालाना आधार पर वृद्घि दर्ज की और उसकी भागीदारी वित्त वर्ष 2020-21 के 5.85 प्रतिशत से बढ़कर 6.86 प्रतिशत पर पहुंच गई, लेकिन यह अभी भी वित्त वर्ष 2020 के स्तरों से नीचे बनी हुई है।
एसऐंडपी ग्लोबल के निदेशक (ऑटोमोटिव फॉरकास्टिंग) पुनीत गुप्ता के अनुसार, भारतीय निर्माताओं को डीजल पावरटे्रन में लगातार उपस्थिति की वजह से भी बढ़त मिली है, जिनका बाजार के 20 प्रतिशत पर नियंत्रण बना हुआ है।
गुप्ता का कहना है कि पारंपरिक तौर पर, जापानी निर्माताओं (टोयोटा को छोड़कर) ने सिडैन या हैचबैक पर ध्यान दिया है। भारतीयों या दक्षिण कोरियाई लोगों के विपरीत, उनमें एसयूवी को लेकर ट्रेंड कम देखा गया है।
 
 

First Published - April 11, 2022 | 11:13 PM IST

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