कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए स्थानीय लॉकडाउन से मई में वाहनों की बिक्री पर जबरदस्त मार पड़ी है। देश की प्रमुख वाहन विनिर्माता कंपनी मारुति सुजूकी की बिक्री अप्रैल के मुकाबले मई में 71 फीसदी कम रही। कोरोना की दूसरी लहर की वजह से कर्मचारियों की सुरक्षा एवं औद्योगिक ऑक्सीजन के इस्तेमाल पर रोक के कारण मारुति सहित कई कंपनियों को अपने कारखाने बंद करने पड़े थे। हालांकि कार विनिर्माता उत्पादन प्रक्रिया में ऑक्सीजन का बहुत इस्तेमाल नहीं करते हैं लेकिन वाहनों के कलपुर्जा बनाने वाली कंपनियों में इसका व्यापक स्तर पर इस्तेमाल होता है।
संक्रमण के मामले कम होने और पाबंदियों में ढील दिए जाने से वाहन विनिर्माताओं को उम्मीद है कि जून से बिक्री में सुधार हो सकता है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में संक्रमण फैलने से दोपहिया की बिक्री प्रभावित होने की आशंका है।
मारुति सुजूकी के कार्यकारी निदेशक शशांक श्रीवास्तव ने कहा, ‘आगे सब कुछ कोविड के मामलों पर निर्भर करता है। हालांकि इस साल पिछले साल की तुलना में स्थिति अलग है। पिछले साल पूरी तरह लॉकडाउन था और टीके भी उपलब्ध नहीं थे।’ टोयोटा मई महीने में महज 707 वाहन बेच पाई। टोयोटा किर्लोस्कर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीन सोनी ने कहा, ‘पिछले महीने हमारे बिदाडी संयंत्र में कोई उत्पादन नहीं हुआ और देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन की वजह से बिक्री भी मामूली रही। लेकिन अब हमें बिक्री में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि काफी ऑर्डर लंबित हैं।’
पिछले साल ग्रामीण इलाकों में संक्रमण नहीं फैला था लेकिन इस बार वहां भी मामले बढ़ रहे हैं जिससे दोपहिया और ट्रैक्टरों की बिक्री प्रभावित हो सकती है। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा की मई में ट्रैक्टरों की बिक्री 12.13 फीसदी घटकर 24,184 रह गई। अप्रैल में 27,523 ट्रैक्टरों की बिक्री हुई थी। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा में कृषि उपकरण कारोबार के अध्यक्ष हेमंत सिक्का ने कहा, ‘मई में कोविड गांवों तक फैल गया जिससे लोगों ने ट्रैक्टरों की खरीद टाल दी और सरकारी सख्ती की वजह से कई डीलरशिप का परिचालन भी बंद करना पड़ा।’ हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि मॉनसून के सामान्य रहने से किसान ट्रैक्टरों की खरीद करेंगे।
प्रमुख ब्रोकरेज का कहना है कि लॉकडाउन में ढील के बाद टाली गई मांग आ सकती है, जिससे बिक्री में सुधार होने की उम्मीद है।
