उत्तर प्रदेश को ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच साल की समय सीमा तय कर दी है। उन्होंने प्रदेश के छोटे व मझोले उद्योगों को इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सबसे अहम माना है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े देसी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की बड़ी भूमिका है। शाखाओं के घने जाल वाला स्टेट बैंक प्रदेश के विकास में अपना योगदान कर रहा है। बिज़नेस स्टैंडर्ड के समृद्धि कार्यक्रम में परिचर्चा का हिस्सा रहे SBI के लखनऊ सर्कल के मुख्य महाप्रबंधक शरद एस चांडक ने उत्तर प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य पर बात की। मुख्य अंश:
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में MSME कितने महत्त्वपूर्ण हैं?
छोटे व मझोले उद्योग उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का अहम अंग है। आपको पता ही है कि कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार भी यही क्षेत्र देता है। प्रदेश से होने वाले कुल निर्यात पर नजर डालें तो उसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी भी एमएसएमई क्षेत्र की ही है। सबसे ज्यादा उद्यमशीलता व नवाचार भी हमें एमएसएमई क्षेत्र में ही दिखता है, जो युवाओं की भारी आबादी को देखते हुए बहुत अहम है। इन सब वजहों से इसी क्षेत्र पर सबसे ज्यादा जोर दिए जाने की जरूरत है।
एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने में भारतीय स्टेट बैंक क्या भूमिका निभा रहा है?
भारतीय स्टेट बैंक उत्तर प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र की अहमियत को बहुत अच्छी तरह समझता है। इसलिए उसने इसी क्षेत्र के लिए प्रदेश में बड़ी तादाद में विशेष शाखाएं खोली हैं। आज प्रदेस के सभी 75 जिलों में स्टेट बैंक की 200 शाखाएं हैं, जिनमें से 100 तो खास तौर पर एमएसएमई क्षेत्र के लिए ही खोली गई हैं। स्टेट बैंक रिलेशनशिप मैनेजरों के जरिये इन शाखाओं में एमएसएमई की दिक्कतों को दूर करने का काम कर रहा है।
उत्तर प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र के सामने वित्त का संकट हमेशा बना रहता है। एसबीआई इसे कैसे दूर कर रहा है?
हमने एमएसएमई की हर तरह की दिक्कत दूर करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। वित्त का मामला किसी भी उद्योग के अस्तित्व और विकास के लिए बहुत अहम होता है और हमने भी उसे पूरी तवज्जो दी है। आप देख रहे हैं कि एमएसएमई को भारतीय स्टेट बैंक के योनो ऐप से प्री-अप्रूव्ड (पहले से मंजूर) कारोबारी ऋण दिए जाते हैं। छोटे व मझोले उद्यमियों के लिए यह वरदान की तरह है क्योंकि यहां उन्हें बिना किसी दिक्कत और कम से कम समय में आसानी से ऋण मिल जाता है। हम तकनीक में काफी आगे हैं और उसका भरपूर इस्तेमाल कर उद्यमियों तथा कारोबारियों की धन की किल्लत दूर करने का काम कर रहे हैं।
बीते कुछ दिनों में एसबीआई ने एमएसएमई क्षेत्र के लिए कर्ज के मामले में क्या किया है?
पिछले कुछ महीनों में ही भारतीय स्टेट बैंक ने मुद्रा और प्रधानमंत्री स्वनिधि जैसी योजनाओं के तहत ऋण देने के लिए जगह-जगर शिविर लगाए हैं। इन शिविरों के जरिये केवल एक महीने के भीतर एमएसएमई क्षेत्र को करीब 100 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया है। एमएसएमई क्षेत्र के लिए लागू किसी भी योजना में हम हमेशा ही बढ़-चढ़ कर भागीदारी करते रहे हैं।