जब तस्वीर साफ होने लगी, तो कोरोनावायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की बदली सिल्वर स्क्रीन पर छा गई। सिनेमाघरों के 100 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलने की प्रतीक्षा करते हुए रिलीज के लिए कतारबद्ध 1,800 फिल्में अपने आप में बड़ा दांव है।
फिल्म कारोबार के सूत्रों का कहना है कि अगर ओमीक्रोन खेल बिगाडऩे वाला साबित होता है, तो वैश्विक महामारी के कारण वर्ष 2020 के दौरान राजस्व में 62 प्रतिशत का नुकसान झेलने वाले सिनेमा उद्योग को अगले छह महीनों में बॉक्स ऑफिस पर कम से कम 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
हिंदी में करीब 30 फिल्में, दक्षिण भारत की चार भाषाओं में 25 फिल्में और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में कई और फिल्में अपनी रिलीज की तारीखों को पहले ही अंतिम रूप दे चुकी हैं। कई अन्य फिल्में इस समय शूटिंग के चरण में हैं। मराठी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में करीब 150 फिल्में रिलीज होने का इंतजार कर रही हैं। उद्योग के दिग्गजों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि हालांकि फिलहाल शूटिंग और पोस्ट-प्रोडक्शन का काम प्रभावित नहीं हुआ है, लेकिन सिनेमाघरों के भविष्य के संबंध में बड़ी चिंता है।
देशव्यापी स्तर पर आने वाली बड़ी फिल्मों की रिलीज में शामिल हैं – स्पाइडर-मैन : नो वे होम, 83, जर्सी, राधे श्याम, पृथ्वीराज, बधाई दो और भूल भुलैया-दो। अगले 10-दिन तथा भारत में ओमीक्रोन का व्यवहार इन फिल्मों और शूटिंग के भविष्य के लिहाज से महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। उदाहरण के लिए विजय सेतुपति के साथ कटरीना कैफ की अगली फिल्म मेरी क्रिसमस की शूटिंग 15 दिसंबर को पुणे में शुरू होने की उम्मीद है।
बॉलीवुड कारोबार विश्लेषक कोमल नाहटा ने बार-बार कहा है कि अगर ओमीक्रोन फिल्मों की रिलीज और शूटिंग को प्रभावित करता है, तो उद्योग को करीब 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
एक और लॉकडाउन होने के मामले में (हालांकि ऐसा होने के कोई संकेत नहीं हैं), पांच बार के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता तमिल निर्देशक वेत्रिमारन, जो सेतुपति के अभिनय वाली फिल्म विदुतलाई की शूटिंग के शुरुआती चरण में हैं, कहते हैं ‘इससे थिएटर जाने की आदतों पर गंभीर रूप से असर पड़ेगा, महामारी उन्हें पहले ही बदल चुकी है और ऐसा होना जारी रहेगा।’ उनका कहना है कि आवश्यक सावधानियों के साथ, फिल्म की शूटिंग की संख्या में भले ही वृद्धि हो जाए, लेकिन समस्या लोगों को सिनेमाघरों में वापस लाने की है। वह इस बात की भी तस्दीक करते हैं कि फिल्म के सेट पर आवश्यक सावधानी बरती जा रही है।
फिल्म निर्माता अनिक दत्ता, जो सत्यजीत रे को श्रद्धांजलि देने वाली पथेर पांचाली से प्रेरित फिल्म अपराजित की शूटिंग कर रहे हैं, का कहना है कि उन्हें उद्योग पर अधिक प्रभाव के आसार नहीं दिखते हैं तथा शूटिंग वाले स्थानों पर लोग सावधानी बरत रहे हैं। वे कहते हैं, ‘ओमीक्रोन के डर के बाद पिछले कुछ दिनों में मैं सेट पर अधिक मास्क देख रहा हूं, और हमारे पास शूटिंग के केवल 10 दिन ही बचे हैं।’ वह कहते हैं ‘हमने अभी तक ओमीक्रोन के बारे में नहीं सोचा है। हालांकि अफ्रीका आने वाली खबरों से ऐसा लगता है कि यह उतना खतरनाक नहीं है। मुझे लगता है कि शूटिंग होती रहेगी।’ अपराजित अगले साल मध्य में रिलीज की जाने की योजना है।
दीवाली पर रिलीज होने वाले फिल्मों जैसे सूर्यवंशी और अन्नाात्थे की सफलता के बाद वर्ष 2022 में भारतीय फिल्म उद्योग को 15,000 करोड़ रुपये से लेकर 16,000 करोड़ रुपये तक के राजस्व की उम्मीद थी।
इस बीच 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के बजट के साथ अगले 45 दिनों में तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में 25 से अधिक फिल्में रिलीज होने वाली हैं। कारोबार के विश्लेषक मनोबाला विजयबालन कहते हैं कि इस नए स्वरूप (कोरोनावायरस के) की वजह से उनकुछ विदेशी वितरकों ने राशि कम करने के लिए बातचीत शुरू कर दी है, जो पहले एक विशिष्ट कीमत के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर कर चुके थे, क्योंकि उन्हें लगता है कि मौजूदा हालात को देखते हुए ये फिल्में उनके देश में अपेक्षित कारोबार नहीं कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि ऐसा उन फिल्मों के लिए है, जो तैयार हैं और जिनकी रिलीज की तारीख की घोषणा की जा चुकी है।
जनवरी में रिलीज होने वाली फिल्मों में एसएस राजामौलि की मल्टी-स्टारर आरआरआर- रौद्रम रणम रुधिरम भी शामिल है, जिसमें एनटी रामा राव जूनियर, राम चरण, अजय देवगन और आलिया भट्ट मुख्य भूमिका में हैं।
कई फिल्मों की अगले कुछ महीनों में शूटिंग के कार्यक्रम की घोषणा की जा चुकी है। अगर हालात बदलते हैं, तो इस कार्यक्रम पर भी असर पड़ सकता है। विजयबालन कहते हैं ‘दक्षिण भारत की चार भाषाओं में लगभग 50 फिल्में शूटिंग के चरण में हैं और इन्हें समयरेखा का पालन करना है। वे अपने फाइनैंसरों के प्रति जवाबदेह होंगे और अगर वे निर्धारित समय के भीतर फिल्म को पूरा नहीं करते हैं और रिलीज नहीं करते हैं, तो वे गजरने वाले प्रत्येक दिन के साथ ब्याज राशि के लिए उत्तरदायी होंगे।’ वह कहते हैं कि कुल मिलाकर उद्योग एक और झटका झेलने के लिए मानसिक या आर्थिक रूप से तैयार नहीं है।
मलयालम फिल्म उद्योग का ही उदाहरण ले लीजिए। खौफनाक साल 2020 और 2021 के बाद दुलकर सलमान की कुरूप और छोटे बजट वाली जान-ए-मन जैसी फिल्में दर्शकों को सिनेमाघरों में वापस खींच लाई थीं। सलमान खान के साथ ब्लॉकबस्टर बॉडीगार्ड बनाने वाले मलयालम निर्देशक सिद्दीकी इस्माइल कहते हैं ‘अगर यह वैश्विक महामारी और फैलती है, तो शायद थिएटर सबसे पहले बंद होंगे और सबसे आखिरी में खुलेंगे।’ वह कहते हैं कि शूटिंग का प्रतिबंध भी बहुत सारी आजीविकाओं पर असर डाल सकता है, हालांकि फिलहाल ऐसा नहीं हुआ है।
सिनेमा ओनर्स ऐंड एग्जिबिटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नितिन दातार कहते हैं कि अगर उद्योग को कोई लाभ अर्जित करना है, तो हमें सिनेमाघरों में 100 प्रतिशत क्षमता की आवश्यकता है, खास तौर पर महाराष्ट्र में जो बॉलीवुड के राजस्व में 25 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है।
कारोबार में अन्य लोगों की ही तरह दातार भी इस बात की उम्मीद और प्रार्थना कर रहे हैं कि देर-सबेर ओमीक्रोन के बादल छंट जाए।
