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महानगरों के विशेष क्लबों में क्रिसमस, नए साल पर सीमित आयोजन

Last Updated- December 11, 2022 | 10:37 PM IST

जश्न या शांति। देश के कई खास क्लब इस बार क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या के मौके पर जश्न मनाने या शांति बनाए रखने के विकल्प चुन रहे हैं। दिसंबर 2020 की तुलना में इस बार कुछ जगहों पर काफी उत्साह दिख रहा है। कोलकाता में बंगाल क्लब के मशहूर क्रिसमस लंच में मेपल ग्लेज्ड हैम, भरवां और भूना हुआ टर्की और पॉट रोस्ट मटन काफी मशहूर है और इसके ग्राहक निराश नहीं हैं।
बंगाल क्लब के अध्यक्ष अंबरीश दासगुप्ता कहते हैं, ‘हमें क्रिसमस लंच को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और अब तक की बुकिंग को बेहतर न भी माना जाए तो यह किसी भी सामान्य साल के बराबर ही है।’ कोलकाता में मौजूद यह क्लब देश के कुछ सबसे पुराने और बेहद खास क्लबों में से एक है और क्लब के कैलेंडर में क्रिसमस का दोपहर का भोजन भी लाजवाब होता है। पिछले साल महानगरों के कई प्रमुख क्लबों में से अधिकांश ने अपने दायरे को कम किया था और कुछ ने तो कोई गतिविधि ही शुरू नहीं की।
लेकिन इस साल इसमें बड़े पैमाने पर सुधार दिख रहा है लेकिन क्लब बड़ी सावधानी भरे कदम उठा रहे हैं। दि बंगाल क्लब छोटी-छोटी बारीकियों का ख्याल रख रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह मेहमानों, सदस्यों के लिए कोविड के वक्त में सुरक्षित है। ऐसे में टेबल के बीच एक सुरक्षित दूरी बनाए रखने के अलावा, बुफे टेबल पर सर्व किए जाने का इंतजार कर रहे लोगों को मास्क पहनना होगा। बेशक, क्लब में पूरे स्टाफ  को दोनों टीके लग गए हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार ने सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, थिएटर, ऑडिटोरियम जैसी जगहों के लिए 70 प्रतिशत क्षमता की अनुमति दी है। लेकिन दासगुप्ता का कहना है कि बंगाल क्लब में क्रिसमस लंच की मेजबानी खुली जगह में की जाती है ऐसे में यहां लोगों के आने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। टॉली क्लब के रूप में लोकप्रिय टॉलीगंज क्लब अपनी क्षमता के करीब 50-55 प्रतिशत तक ही लोगों को आने की अनुमति देने की योजना बना रहा है। इसके मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध सदस्य अनिल मुखर्जी कहते हैं, ‘हम सुरक्षित कदम उठाना चाहते हैं। सदस्यों को अपने टीकाकरण प्रमाणपत्र ले आना होगा। हालांकि संख्या 2019 की तरह उतनी आकर्षक नहीं है और लोग क्लब में आने के लिए बाहर आना चाहते हैं। लेकिन यह अब 2019 से कहीं बेहतर है।’
हालांकि राष्ट्रीय राजधानी में, दिल्ली जिमखाना क्लब (डीजीसी) में किसी तरह का कोई आयोजन नहीं किया जाएगा। क्रिसमस और नया साल एक-दूसरे के साथ गर्मजोशी के साथ वक्त की साझेदारी करने का मौसम होता है लेकिन डीजीसी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। डीजीसी का सार्वजनिक विवाद सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासक ओम पाठक के साथ जारी है जिसके बाद इसे राष्ट्रीय कंपनी कानून अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) तक की शरण में जाना पड़ा है। इसके अलावा ओमीक्रोन के डर की वजह से प्रशासन को क्रिसमस और नए साल का डिनर और डांस कार्यक्रम रद्द करने का आदेश देना पड़ा। इसी वजह से यहां कोई लाइव बैंड नहीं होगा और पॉलिश वाले लकड़ी के डांस फ्लोर खाली ही रहेंगे।
दूसरी ओर दिल्ली के इंडिया इंटरनैशनल सेंटर (आईआईसी) की कहानी बिल्कुल अलग है। इसके वर्तमान निदेशक के एन श्रीवास्तव का कहना है कि आईआईसी के राजस्व पर काफी बुरा असर पड़ा है क्योंकि कार्यक्रमों के आयोजन और इसके अतिथि कक्षों से होने वाली आमदनी ही इसकी कमाई का मुख्य स्रोत है। कुछ वक्त के लिए कर्मचारियों के वेतन में कटौती भी करनी पड़ी। लेकिन श्रीवास्तव का कहना है कि इस सेंटर के मुख्य आधार इसके कर्मचारी ही हैं जिन्हें बुरे दौर से गुजरना पड़ा है। हालांकि राहत इस रूप में मिली है कि आयकर अपील न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के एक फैसले के मुताबिक आईआईसी के आवास, खाने-पीने के सामान और पेय पदार्थों की बिक्री से होने वाली आमदनी कर योग्य नहीं थी। आईआईसी की स्थापना 1961 में हुई थी। इसके 7,000 सदस्य हैं और यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों आदि की मेजबानी करता है।
वर्ष 2012-13 और 2013-14 में आईआईसी एक ‘ट्रस्ट’ के रूप में रहा और आयकर विभाग ने इसको लेकर पूछताछ की थी और इन दो आकलन वर्षों के लिए आयकर का भुगतान करने का आदेश दिया गया था जब इसने कर के ‘शून्य’ होने की घोषणा की थी। आईटीएटी ने आईटी विभाग के विवाद को खारिज कर दिया। आमदनी के नुकसान के लिए रिफंड किया गया और इसी वजह से महामारी के वक्तं भी आईआईसी ने मुफ्त सार्वजनिक सालाना समारोहों की मेजबानी कर सका जिसमें संगीत और नृत्य के कार्यक्रमों की पेशकश भी शामिल थी। श्रीवास्तव का कहना है कि सदस्यता शुल्क बढ़ाया गया है लेकिन सदस्यता का भी विस्तार किया जा रहा है। आईआईसी क्रिसमस और नए साल के लिए विशेेषतौर पर दोपहर के भोजन की मेजबानी करता है जिसमें गाजर के हलवा के साथ ही फिश कार्डिनल, मशरूम टिम्बले और ब्रोकली सूप क्रीम की पेशकश भी की जाती है। आईआईसी की तरह ‘कोरम क्लब’ भी है जो इसके सदस्यों के लिए ही एक लाइफस्टाइल क्लब है जो इस साल अगस्त में मुंबई में भी खुला है और इसके संस्थापक और सीईओ विवेक नारायण कहते हैं कि क्लब ने क्रिसमस और नए साल की शाम के लिए विशेष कार्यक्रमों की योजना बनाई है।
वह आगे कहते हैं, ‘सभी कार्यक्रमों के दौरान कोविड-19 नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा और हम अपने सभी मेहमानों का रैपिड एंटीजन टेस्ट करेंगे।’ कैरोल, टर्की, मल्ड वाइन, सर्दी के मौसम में पेश किए जाने वाले कॉकटेल और एक बड़े स्प्रेड के साथ क्रिसमस समारोह का जश्न मनाया जाएगा। मुंबई में कोरम के सदस्य नए साल में ‘007 नो टाइम टू डाई’ थीम वाली पार्टी का लुत्फ  उठाएंगे जबकि गुरुग्राम में मौजूद लोग ‘डुआलिटी’ थीम (सूफी और समकालीन पश्चिमी संस्कृति) के साथ जश्न मना सकते हैं। इसका एक बार का शुल्क ढाई लाख है और सालाना शुल्क 100,000 रुपये है। नारायण का कहना है कि यह क्लब महामारी के बाद की दुनिया में प्रमुख लाभार्थियों में से एक रहा है और इसने ऐसी जगहें मुहैया कराई हैं जहां लोग मिलने-जुलने या काम के लिए बाहर आ सकते हैं।
महामारी के कारण दुनिया में काफी बदलाव आया है और लोग अब काम के पारंपरिक स्थानों पर नहीं जा रहे हैं बल्कि वे अब एक तीसरी जगह की तलाश में हैं जो घर से दूर एक घर हो। नारायण का दावा है कि ‘कोरम’ का डिजाइन और इसकी सुविधाएं इसके लिए काफी अनुकूल हैं। गुरुग्राम और मुंबई में कारोबार में तेजी से वह अगले साल हैदराबाद और बेंगलूरु में ‘कोरम’ शुरू करने की योजना बना रहे हैं। मुंबई के चार महीने पुराने इस क्लब में जहां 550 सदस्य हैं, वहीं गुरुग्राम में तीन साल पुराना क्लब होने की वजह से 1,150 सदस्य हैं। हालांकि, बॉम्बे जिमखाना क्लब, दुनिया के सबसे पुराने क्लबों में से एक है और इसमें छुट्टी के सीजन में किसी कार्यक्रम आयोजन की कोई संभावना नहीं है। बॉम्बे जिमखाना के सीईओ सौरभ रतन कहते हैं, ‘दुर्भाग्यवश, महामारी के कारण और ओमीक्रोन को लेकर चिंता बढ़ी है ऐसे में सरकार के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए बॉम्बे जिमखाना क्लब अपने सामान्य स्पोट्र्स और फूड एवं बेवरिज की गतिविधियों के अलावा किसी भी समारोह की मेजबानी नहीं कर रहा है।’ रतन कहते हैं, ‘हम उन इवेंट या फंक्शन को प्रोत्साहित नहीं कर रहे हैं जिनमें लोगों की भीड़ हो। क्लब में 5,000 से अधिक सदस्य हैं और सदस्यता के लिए आवेदकों की एक लंबी प्रतीक्षा सूची है जिस पर हम कार्रवाई करने की प्रक्रिया में हैं।’

First Published - December 24, 2021 | 11:36 PM IST

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