घर वापसी के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार Samajwadi Party ने उत्तर प्रदेश में बगावत करने वाले सात विधायकों में से तीन को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इन विधायकों ने पार्टी से बगावत करते हुए 17 महीने पहले हुए राज्यसभा व विधान परिषद चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया था। बागी सात विधायकों में से दो तो औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल भी हो गए थे।
सोमवार को पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने अयोध्या की गोंसाईगंज से विधायक अभय सिंह, अमेठी जिले की गौरीगंज से विधायक राकेश सिंह और रायबरेली की ऊंचाहार सीट के मनोज पांडे को निष्कासित करने का ऐलान किया। हालांकि, बाकी चार विधायकों पर पार्टी ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है।
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राज्यसभा व विधान परिषद फरवरी 2024 में हुए चुनावों में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए सपा विधायकों अभय सिंह, राकेश सिंह, मनोज पांडे, पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी, राकेश पांडे व आशुतोष मौर्य ने भाजपा को वोट दिया था। उस समय मनोज पांडे विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक थे। बाद में लोकसभा चुनावों के दौरान गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में मनोज पांडे व अभय सिंह ने भाजपा की सदस्यता भी ले ली थी।
सपा के इस फैसले के बाद उक्त तीनों विधायक विधानसभा में असंबद्ध सदस्य माने जाएंगे। पार्टी ने इनकी विधायकी समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के सामने याचिका प्रस्तुत नहीं की। शेष चार बागी विधायकों के बारे में सपा नेताओं का कहना है कि इन्हें वापसी का मौका दिया गया है। पार्टी प्रवक्ता उदयवीर सिंह का कहना है कि भविष्य में इन चार विधायकों की वापसी संभव है। वैसे भी पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी, आशुतोष मौर्य व राकेश पांडे ने सपा के खिलाफ न तो कोई बयान दिया है और न ही पार्टी विरोधी काम किया है।