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निर्वाचन आयुक्त के खिलाफ विपक्ष का आक्रामक रुख, सरकार बनी तो करेंगे कार्रवाई

राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि केंद्र और बिहार में 'इंडिया' गठबंधन की सरकार बनने पर ‘वोट चोरी’ के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Last Updated- August 18, 2025 | 11:05 PM IST

कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और मतदाता सूची में अनियमितताओं से संबंधित मुद्दों पर उनके सवालों का जवाब देने में विफल रहे हैं। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित आठ प्रमुख विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देने के बजाय सीईसी ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन कर उन पर हमला करने का विकल्प चुना। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, ‘मतदान का अधिकार संविधान द्वारा आम नागरिक को दिया गया सबसे महत्त्वपूर्ण अधिकार है। लोकतंत्र इसी पर निर्भर है। निर्वाचन आयोग इसकी रक्षा के लिए बना निकाय है, लेकिन हम देख सकते हैं कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने राजनीतिक दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों का जवाब नहीं दिया। वह अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।’ एक सवाल के जवाब में गोगोई ने यह भी कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ संभावित महाभियोग कार्यवाही पर सही समय पर फैसला लिया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने कहा कि यदि मतदाता सूची, जिसके आधार पर पिछला आम चुनाव हुआ था, सही नहीं है तो लोक सभा को भंग कर देना चाहिए तथा वर्तमान और पूर्व चुनाव आयुक्तों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

सरकार बनी तो कार्रवाई करेंगे: राहुल

लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि केंद्र और बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनने पर ‘वोट चोरी’ के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान गयाजी में एक सभा को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग एसआईआर के रूप में विशेष पैकेज लेकर आया है। राहुल गांधी ने कहा कि निर्वाचन आयोग उनसे हलफनामा मांग रहा है, लेकिन जनता इस आयोग से हलफनामा मांगेगी।

हटाए गए 65 लाख नाम सार्वजनिक

निर्वाचन आयोग ने बिहार में एसआईआर के तहत प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख लोगों के नाम सोमवार को सार्वजनिक कर दिये। अधिकारियों ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों पर ‘एएसडी’ (अनुपस्थित, स्थानांतरित और मृत) मतदाताओं के नाम प्रकाशित किए।

आधार की प्रति स्वीकार्य: आयोग

निर्वाचन आयोग ने कहा कि बिहार की मसौदा मतदाता सूची से बाहर रह गए लोग मतदाता सूची में अपना नाम शामिल कराने के लिए अपने आधार की प्रति जमा कर सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने आयोग को पहचान के प्रमाण के रूप में आधार को स्वीकार करने का निर्देश दिया था। एक बयान में निर्वाचन आयोग ने कहा कि नियमों के अनुसार, दावों और आपत्तियों का निपटारा संबंधित निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी द्वारा किया जाएगा, लेकिन पात्रता दस्तावेज़ों के सत्यापन के कम से कम सात दिन बाद ही। बयान में निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि एसआईआर आदेशों के अनुसार, एक अगस्त को प्रकाशित मसौदा सूची से किसी भी नाम को तब तक हटाया नहीं जा सकता, जब तक कि निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा जांच कर उचित और न्यायसंगत अवसर देने के बाद स्पष्ट रूप से कारण बताने वाला आदेश पारित न किया जाए।   

First Published - August 18, 2025 | 10:23 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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