एकीकृत भुगतान प्रणाली (यूपीआई) से लेन देन की संख्या जुलाई में बीते माह की तुलना में 6 प्रतिशत बढ़कर 19.47 अरब हो गई। लिहाजा इस डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। लेन देन का मूल्य 4 प्रतिशत बढ़कर 25.08 लाख करोड़ रुपये हो गया।
भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम ने शुक्रवार को बताया कि जून में 24.04 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 18.4 अरब लेन देन हुए थे। यूपीआई लेन देन का मूल्य मई की रिकॉर्ड ऊंचाई 25.14 लाख करोड़ रुपये से कम हो गई और उस समय लेन देन की संख्या 18.68 अरब थी। जुलाई में दैनिक भुगतान की संख्या 61.3 करोड़ से बढ़कर 62.8 करोड़ हो गए और इसका मूल्य 80,131 करोड़ रुपये से बढ़कर 80,919 करोड़ रुपये हो गया। इस जुलाई में वर्ष 2024 के जुलाई की तुलना में यूपीआई की संख्या 35 प्रतिशत और मूल्य 22 प्रतिशत बढ़ा।जुलाई में तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) से लेन देन की संख्या जून के 44.8 करोड़ से 8 प्रतिशत बढ़कर 48.2 करोड़ हो गई। इस लेन देन का मूल्य जून के 6.06 लाख करोड़ रुपये से 4 प्रतिशत बढ़कर 6.31 लाख करोड़ रुपये हो गया। मई में आईएमपीएस की संख्या 46.4 और मूल्य 6.41 लाख करोड़ रुपये था।
जुलाई 2024 की तुलना में इस जुलाई में आईएमपीएस की संख्या में 2 प्रतिशत की गिरावट और मूल्य में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसकी दैनिक लेन देन की संख्या 149.4 लाख से बढ़कर 155.5 लाख हो गई और इस लेन देन का मूल्य 20,212 करोड़ रुपये से थोड़ा बढ़कर 20,368 करोड़ रुपये हो गया। जुलाई में फॉस्टैग लेन देन की संख्या 4 प्रतिशत गिरकर 37.1 करोड़ हो गई जबकि यह संख्या जून में 38.6 करोड़ थी।