facebookmetapixel
कृषि को लाभदायक बिजनेस बनाने के लिए ज्यादा ऑटोमेशन की आवश्यकताQ2 Results: टाटा स्टील के मुनाफे में 272% की उछाल, जानें स्पाइसजेट और अशोक लीलैंड समेत अन्य कंपनियों का कैसा रहा रिजल्टसेबी में बड़े बदलाव की तैयारी: हितों के टकराव और खुलासे के नियम होंगे कड़े, अधिकारियों को बतानी होगी संप​त्ति!Editorial: आरबीआई बॉन्ड यील्ड को लेकर सतर्कनिर्यातकों को मिली बड़ी राहत, कैबिनेट ने ₹45,060 करोड़ की दो योजनाओं को दी मंजूरीसीतारमण का आठवां बजट राजकोषीय अनुशासन से समझौता नहीं कर सकताटाटा मोटर्स की कमर्शियल व्हीकल कंपनी की बीएसई पर हुई लिस्टिंग, न्यू एनर्जी और इलेक्ट्रिफिकेशन पर फोकसग्लोबल एआई और सेमीकंडक्टर शेयरों में बुलबुले का खतरा, निवेशकों की नजर अब भारत परसेबी की चेतावनी का असर: डिजिटल गोल्ड बेचने वाले प्लेटफॉर्मों से निवेशकों की बड़ी निकासी, 3 गुना बढ़ी रिडेम्पशन रेटप्रदूषण से बचाव के लिए नए दिशानिर्देश, राज्यों में चेस्ट क्लीनिक स्थापित करने के निर्देश

उत्तर प्रदेश में आलू किसानों को राहत, खुलेंगे 200 नए शीतगृह

Last Updated- December 07, 2022 | 6:42 PM IST

उत्तर प्रदेश में शीतगृह (कोल्ड स्टोरेज) उद्योग के दिन जल्द ही फिरने वाले हैं। यह उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य सरकार चालू वित्त वर्ष 2008-09के दौरान करीब 200 नए शीतगृहों का निर्माण करेगी।


इसमें से ज्यादातर इकाइयों को राज्य के पश्चिमी इलाकों में लगाया जाएगा, जहां आलू की सबसे ज्यादा खेती की जाती है। आलू राज्य की सबसे स्थिर मांग वाली सब्जियों में से है। राज्य खाद्य प्रसंस्करण और बागवानी विभाग के नोडल अधिकारी एस के चौहान ने बिानेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘पूरे राज्य में इन शीतगृहों का निर्माण कार्य विभिन्न चरणों में किया जाएगा।’

राज्य सरकार नए शीतगृहों के निर्माण के लिए 50 लाख रुपये या फिर निर्माण लागत पर 25 फीसदी की छूट देगी। यह छूट राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत दी जाएगी। चौहान ने बताया, ‘राज्य में शीतगृहों की स्थापना के लिए विभिन्न उद्यमों से पहले ही 20 प्रस्ताव आ चुके हैं। उन्हें सब्सिडी देने के लिए विचार-विमर्श चल रहा है।’

नए शीतगृहों को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, गाजीपुर, इटावा, बलिया, प्रतापगढ़, लखनऊ, बाराबंकी, हरदोई और कानपुर जिलों में लगाया जाएगा। चौहान ने बताया कि राज्य में कृषि उपज और भंडारण संबंधी समस्याओं को पाटने के लिए शीतगृहों की तत्काल आवश्यकता थी।

उन्होंने बताया, ‘शीतगृहों में संग्रह इकाई, प्रसंस्करण संयंत्र और पैकिंग हॉउस जैसी व्यवस्था किया जाना चाहिए ताकि आने वाले इससे व्यवसायिक लाभ मिल सके।’ उत्तर प्रदेश शीतगृह एसोसिएशन के महासचिव जी एस धिरानी ने बताया कि औसतन एक इकाई पर लगभग 3 से 5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें जमीन की कीमत भी शामिल है। वर्तमान में राज्य में करीब 1,500 शीतगृह हैं जिसमें से 1400 चालू हैं।

उल्लेखनीय है कि साल के शुरुआत में आलू की जबर्दस्त पैदावार होने की वजह से राज्य के शीतगृहों को घाटे का सामना करना पड़ा था। हालांकि एसोसिएशन ने आरोप लगाते हुए कहा इन क्षेत्रों के लिए ऋण मुहैया कराने में निजी क्षेत्र के बैंक और नाबार्ड द्वारा कोई योगदान नहीं मिल रहा है। धिरानी ने बताया, ‘हमारा साथ व ऋण देने में निजी बैंक कतरा रहे हैं।’

First Published - August 26, 2008 | 12:06 AM IST

संबंधित पोस्ट