नौ गांव स्थायी समिति (एनवीएसी) ने शाहपुर में आरइन्फ्रा और टाटा पावर कंपनी (टीपीसी) द्वारा भूमि अधिग्रहण के विरोध में मंत्रालय (राज्य सरकार का प्रधान कार्यालय) तक मार्च करने का फैसला वापस ले लिया है, जब उप मुख्यमंत्री आर आर पाटिल ने इस पर स्थगन का भरोसा दिलाया।
एनवीएसी के संयोजक भारत पाटणकर ने कहा, ‘ बुधवार को देर रात हुई बैठक में आर आर पाटिल ने हमलोगों को यह भरोसा दिया कि इस भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव स्थगित कर दिया जाएगा। इस बैठक में ऊर्जा, राजस्व और महाराष्ट्र औद्योगिक विकास कॉरपोरेशन (एमआईडीसी) विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।’
पाटणकर ने यह भी दावा किया कि पाटिल ने हमें यह भी भरोसा दिलाया कि ऊर्जा विभाग राजस्व मंत्रालय के साथ मिलकर एक सर्वेक्षण करेगा और इस बात का पता लगाएगा कि दोनों परियोजनाओं के लिए वास्तव में कितनी जमीन अधिग्रहण की जरूरत है।
आरइन्फ्रा और टीपीसी क्रमश: 4,000 और 1,200 मेगावावट की दो परियोजनाएं शाहपुर के पास लगाने को इच्छुक है और इसके लिए दोनों कंपनियां 500 एकड़ जमीन चाहती है। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री ने उनसे यह भी वादा किया है कि वे सिर्फ अनुपजाऊ जमीन का ही अधिग्रहण करेंगे और ऊर्वर जमीन का अधिग्रहण नही होगा।
प्रस्तावित बिजली परियोजनाएं उन जमीन पर लगाने की बात हो रही है, जहां प्रति एकड़ 22 से 25 क्विंटल प्रति एकड़ धान की उपज होती है, जो देश में सर्वाधिक है। इसके अलावा यहां के किसान इनलैंड फिश फार्मिंग के जरिये भी आमदनी करते हैं।
पाटणकर ने कहा कि इन्हीं सब बातों के मद्देनजर हमलोग इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने सरकार को एक वैकल्पिक प्लान भी सौंपा है, जिसके तहत अगर इन क्षेत्र में बिजली का उत्पादन किया भी जाता है, तो पर्यावरण और पारिस्थिकी तंत्र को कोई खतरा न हो।
आरइन्फ्रा, टीपीसी 4,000 और 1,200 मेगावाट के दो प्रोजेक्ट लगाने को इच्छुक
दोनों परियोजनाओं को लगाने के लिए कंपनियों को चाहिए शाहपुर में 500 एकड़ जमीन
प्रस्तावित परियोजना स्थल पर 22 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर धान का होता है उत्पादन