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कृषि निर्यात के लिए बनेेगा पैक हाउस

Last Updated- December 12, 2022 | 10:37 AM IST

बनारस के लंगड़ा आम, काला सांबा चावल और मिर्च को देश विदेश में पहुंचाने के लिए विश्वस्तरीय पैक हाउस बनेगा। कृषि उत्पादों को लंबे समय सुरक्षित रखने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की पैकिंग उपलब्ध कराने के लिए वाराणसी के हवाई अड्डे पर पैक हाउस बनाया जाएगा। बीते कुछ सालों से एपीडा और फार्मर्स प्रोड्यूसर्स आर्गेनाइजेशन (एफपीओ) की मदद से वाराणसी से कृषि उत्पादों का देश व विदेशों में निर्यात किया जा रहा है। वाराणसी के आयुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि एपीडा और उद्यान विभाग की ओर से किसानों के प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे निर्यात के लायक अपने उत्पाद तैयार कर सकें। उन्होंने बताया कि वाराणसी को एग्री एक्सपोर्ट हब बनाने के लिए हाल ही में  हवाई अड्डे पर पांच टन की क्षमता के कोल्ड चैंबर का निर्माण किया गया है।
साथ ही वाराणसी से कृषि उत्पादों को कंटेनरों के जरिये जलमार्ग से कोलाकाता भेजने और वहां से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों तक निर्यात की व्यवस्था की गई है। इसके लिए वाराणसी में रिवर पोर्ट विकसित किया गया है। अग्रवाल के मुताबिक जल्दी ही योगी सरकार और केंद्र सरकार की मदद से वाराणसी में इंटरनेशनल पैक हाउस बनकर तैयार हो जाएगा।
वाराणसी में एपीडा के क्षेत्रीय कार्यालय के प्रमुख सीबी सिंह ने बताया कि बीते साल नंवबर में बायर-सेलर्स मीट के जरिये कृषि उत्पादों के निर्यात की शुरुआत हुई थी। वाराणसी के चार एफपीओ और मुंबई की वेजिटेबल ऐंड फ्रूट एक्सपोर्ट एसोसिएशन (वफा) के बीच हुए करार के बाद पहली बार 2019 में 14 टन हरी मिर्च का दुबई में निर्यात हुआ था। इस साल अप्रैल में कोरोना महामारी के बाद भी वाराणसी से दिल्ली और लंदन को तीन टन हरी मिर्च का निर्यात हुआ है,  जबकि मई में तीन टन लंगड़ा आम दुबई और जुलाई में 1.2 टन आम लंदन को भेजा गया है।
वाराणसी से सटे चंदौली से इसी साल जून में 80 टन काला चावल का निर्यात विदेशों को किया गया है जिसके चलते 152 किसानों को 68 लाख रुपये की आय हुई है। जीआई विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत के मुताबिक वाराणसी और आसपास के कई कृषि उत्पादों का नाबार्ड की मदद से पंजीकरण कराया जा रहा है। जीआई मिलने के बाद इस क्षेत्र के केला, आवंला और फूलों का विदेशों को निर्यात हो सकेगा।

First Published - December 23, 2020 | 12:18 AM IST

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