देश के ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में तत्काल लेनदेन कराने वाली एकीकृत भुगतान प्रणाली (यूपीआई) का इस्तेमाल करने वाले 10 में से केवल चार लोग ही (40 फीसदी) इसे लेनदेन का पसंदीदा तरीका मानते हैं। ईवाई और सीआईआई की एक संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार इनमें से केवल दो लोग नकद भुगतान को वरीयता देते हैं। हालांकि ऐसे क्षेत्रों में वित्तीय लेनदेन का सबसे पसंदीदा तरीका यूपीआई ही है।
देश में 40 करोड़ से अधिक लोग इस भुगतान प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 के हर माह में इससे औसतन 14.13 अरब लेनदेन दर्ज किए थे।
रिपोर्ट के अनुसार इस सर्वेक्षण में शामिल करीब 11 फीसदी प्रतिभागियों ने देश के ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में यूपीआई को भुगतान के रूप में वरीयता नहीं दी है। इस सर्वेक्षण में 1,033 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था और इसमें 73 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों से थे और 22 फीसदी महिलाएं थीं। इस सर्वेक्षण में दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और पूर्वोत्तर के लोग शामिल थे।
ईवाई इंडिया के सीनियर पार्टनर व वित्तीय सेवा (घरेलू) के परामर्श प्रमुख सौरभ चंद्रा ने कहा, ‘हमारी रिपोर्ट के निष्कर्ष वित्तीय संस्थानों के लिए विशेष रूप से ग्रामीण और कस्बाई भारत में अनूठे बचत और निवेश समाधान पेश करने के लिए एक उर्वर जमीन का सुझाव देते हैं।’