पीयर-टु-पीयर (पी2पी) ऋण देने वाले उद्योग की गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 1,163 करोड़ रुपये हो गई है। यह वित्त वर्ष 2023 के 472.1 करोड़ रुपये की तुलना में दोगुने से ज्यादा है। एक ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
पी2पी उधारी सेग्मेंट जब शुरुआती दौर में था तब वित्त वर्ष 2019 में एनपीए 14.7 करोड़ रुपये के मामूली स्तर पर था। कैपिटलमाइंड फाइनैंशियल सर्विसेज को सूचना के अधिकार के तहत रिजर्व बैंक से मिले आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। यह एनपीए इस सेक्टर द्वारा दिए गए कुल कर्ज के 17 प्रतिशत से ज्यादा है।
रिजर्व बैंक ने हाल में कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के पी2पी ऋण प्लेटफार्मों द्वारा विनियामक उल्लंघन को चिह्नित किया था। इसके बाद एनपीए में वृद्धि को दर्शाने वाले ये आंकड़े सामने आए हैं। पी2पी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी ऋण प्लेटफॉर्म पी2पी ऋण देने वाले प्रतिभागियों के लिए ऑनलाइन बाजार उपलब्ध कराते हैं।