महाराष्ट्र विधानमंडल का मॉनसून अधिवेशन 5 और 6 जुलाई को मुंबई में होगा। राज्य के संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब ने कहा कि राज्य में कोरोना की स्थिति में अभी तक सुधार नहीं हुआ है। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की कोरोना रिपोर्ट देखने के बाद विधानमंडल कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में मॉनसून सत्र दो दिन का करने का निर्णय लिया गया। सलाहकार समिति ने एकमत से निर्णय लिया कि सत्र 5 व 6 जुलाई को होगा। विधानसभा के प्रतिपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस एवं विधानपरिषद में विरोधी पक्ष नेता प्रवीण दरेकर ने सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिवेशन में राज्य की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा करनी थी लेकिन सरकार दो दिन का अधिवेशन कराकर जनहित के मुद्दों से पलायन कर रही है।
महाराष्ट्र विधानमंडल कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में शामिल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि महा विकास आघाडी सरकार आम आदमी से जुड़े मुद्दों और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से भागने की कोशिश कर रही है। आज, हम (भाजपा नेता) राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के आयोजन को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं से मिले। हम यह देखकर हैरान रह गए कि सरकार केवल दो दिन के लिए सत्र आयोजित करने की योजना बना रही है। भाजपा नेताओं ने इतनी कम अवधि के लिए मॉनसून सत्र आयोजित किए जाने की सरकार की योजना के विरोध में विधानमंडल कामकाज सलाहकार समिति की बैठक से बहिर्गमन किया। फडणवीस ने कहा कि हमारे लिए आम आदमी की आवाज उठाने के लिए कोई जगह नहीं बची है। लोगों, किसानों, छात्रों और राज्य में कानून व्यवस्था से जुड़े विषयों सहित विभिन्न मुद्दों को उठाने के वास्ते दो दिन का मॉनसून सत्र हमारे लिए बहुत छोटा होगा।
शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर भाजपा से फिर से हाथ मिलाने का आग्रह किए जाने से संबंधित सवाल पर फडणवीस ने कहा कि शिवसेना के किसी विधायक का अपने पार्टी प्रमुख को पत्र लिखना एक आंतरिक मामला है। भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं है। इस सरकार को गिराने में हमारी पार्टी की कोई रुचि नहीं है। तीन दलों (शिवसेना, राकांपा, कांग्रेस) की यह सरकार अपने अंदरूनी भार के चलते ही गिर जाएगी। धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहे सरनाईक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भाजपा तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फिर से मेल-मिलाप करने का आग्रह किया था और कहा था कि इससे उनके जैसे कुछ शिवसेना नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा परेशान किए जाने से बच जाएंगे।
