राजकोषीय खजाने के सूखने की वजह से मध्य प्रदेश सरकार खजुराहो नृत्य महोत्सव के लिए निजी प्रायोजकों की तलाश कर रही है।
हालांकि मौजूदा मंदी को देखते हुए इस सालाना उत्सव के लिए कोई निजी कंपनी प्रायोजक के तौर पर सामने आएगी, ऐसी संभावना कम ही दिख रही है। खजुराहो नृत्य महोत्सव का महत्व इसलिए भी काफी अधिक है क्योंकि इसमें हर साल देश भर के प्रतिष्ठित नृत्यकार शिरकत करते हैं।
खजुराहो मंदिर के प्रांगण में हर साल 25 फरवरी से 3 मार्च तक उस्ताद अलाउद्दीन खान संगीत कला अकादमी इस महोत्सव को आयोजित करती है। अब वैश्विक धरोहरों की सूची में शुमार खजुराहो मंदिर को बनने में 200 साल लगे थे।
राज्य के संस्कृति विभाग के सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बताया, ‘हम इस फिल्म महोत्सव के लिए प्रायोजक ढूंढ रहे हैं पर सभी कंपनियों से निराशा ही हाथ लगी है।’ राज्य के संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि इस महोत्सव के लिए 25 लाख रुपये का बजट तय किया गया है।
इस वर्ष का महोत्सव लोकनृत्यों पर केंद्रित रखने की योजना है। इस महोत्सव में कई शिल्पकार अपनी कलाकृतियां भी पेश करते हैं।