पश्चिम बंगाल में उद्योगों द्वारा बिजली की मांग घटने के कारण दुर्गा पूजा के दौरान घरेलू बिजली की आपूर्ति सामान्य बनी रही हालांकि इन सब के बीच कोयले की आपूर्ति तंग नजर आ रही।
सूत्रों ने बताया कि दुर्गा पूजा के बाद परिस्थितियां बदल भी सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले सप्ताह में बिजली की मांग में वृध्दि देखने को मिलेगी इसलिए कोयले की मांग में कमी आ सकती है।
एक अनुमान के मुताबिक पूजा के दौरान 4,700 मेगावाट बिजली की मांग होती है। हालांकि 1 अक्टबूर को ही बिजली की मांग 4,560 मेगावाट की तक पहुंच गई थी और उसके बाद कम होने लगी थी। वर्तमान सप्ताह में, संभवत: बिजली की मांग घटकर 3,000 मेगावाट तक आ जाएगी लेकिन मध्य अक्टूबर से फिर से बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी।
सीईएससी के प्रवक्ता ने बताया कि 1 अक्टूबर को सीईएससी ने 1,450 मेगावाट बिजली भेजी थी, जो इस महीने में अभी तक सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि ‘शुक्रवार से बिजली की मांग बढ़ सकती है। कोयला कंपनियों से आपूर्ति बढ़ाने का आग्रह किया है।’
पश्चिम बंगाल बिजली विकास निगम लिमिटेड (डब्लूबीपीडीसीएल) ने अपनी कुछ इकाइयों को बंद करने का फैसला किया है। पूजा के दौरान निगम ने 2,826 मेगावाट बिजली उत्पादन के रिकार्ड को छू लिया था। राज्य विद्युत सचिव सुनिल मिश्रा ने इस बात की पुष्टि की कि एक या दो इकाइयों को बंद किया जा सकता है।
मित्रा ने बताया, ‘कोयले की बढ़ती मांग की संभावनाओं को देखते हुए हम लोगों ने रेलवे और कोयला कंपनियों से कोयले की बेहतर आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा है।’ डब्लूएसईडीसीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मोले डे ने बताया, ‘बिजली की जरूरत मांग और आपूर्ति के हिसाब से दिनों दिन बदलती रहती है।’