उत्तराखंड सरकार अपनी नई कृषि नीति में कई घोषणाएं करने वाली है। इसके तहत राज्य सरकार विशेष कृषि क्षेत्र (स्पेशल इकोनॉमिक जोन) और स्व रोजगार कृषि उद्योग (सेल्फ एंप्लायमेंट एग्रीकल्चर इंडस्ट्री) स्थापित करने के लिए ब्याजमुक्त कर्ज देने की योजना बना रही है और नये मंडी अधिनियम के तहत मंडियों का निजीकरण किया जाएगा।
राज्य के कृषि मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘विशेष कृषि क्षेत्र के तहत हम एकीकृत खेती के जरिये स्व रोजगार कृषि उद्योग लगाने की योजना बना रहे हैं।’ इसके अंतर्गत सरकार मछली पालन,डेयरी उद्योग पनचक्की जैसे क्षेत्रों को बढ़वा देने के लिए बिना ब्याज वाले कर्ज मुहैया कराने की योजना बना रही है।
उन्होंने बताया कि सरकार मंडियों के निजीकरण के लिए मंडी अधिनियम लाने की पर भी विचार कर ही है। उत्तरांचल में फसल उत्पादन में लगी कंपनियों को 30 प्रतिशत लेवी देना होता है। रावत ने बताया कि इस सिलसिले में राज्य सरकार ने आईटीसी के साथ उधम सिंह नगर में गेहूं उत्पादन के लिए सहमति पत्र पर दस्तखत किए हैं। इस समझौते के तहत आईटीसी 30 प्रतिशत प्रीमियम के साथ आर्गेनिक गेहूं उगाएगी।
सरकार राज्य में भूमि परीक्षण भी कराएगी। इसके लिए 10 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। इस काम में देश भर के वैज्ञानिकों और प्रतिष्ठित संस्थानों की मदद ली जाएगी।
इस परीक्षण से सरकार एक हेल्थ कार्ड तैयार करेगी जिससे पता चलेगा कि कौन सी जमीन किस तरह की फसल के लिए उपयुक्त है। उन्होंने बताया कि राज्य में प्रत्येक 200 मीटर पर जमीन का परीक्षण किया जाएगा। इससे कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।