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ब्याज मार्जिन पर दबाव के चलते FY26 में भारतीय बैंकों का डिविडेंड भुगतान 4.2% घटने का अनुमान: S&P

S&P की रिपोर्ट के मुताबिक FY26 में भारतीय बैंकों का लाभांश घटेगा, एचडीएफसी और बैंक ऑफ बड़ौदा कटौती करेंगे, जबकि आईसीआईसीआई बढ़ा सकता है

Last Updated- September 11, 2025 | 10:44 PM IST
Bank
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

भारतीय बैंकों का वित्त वर्ष 26 में लाभांश भुगतान गिरने की आशंका है। इसका कारण बैंकों के ऋण में सुस्ती आने से शुद्ध ब्याज मार्जिन और शुद्ध लाभ में मामूली वृद्धि हो सकती है। एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 26 में बड़े 12 बैंकों का सकल लाभांश 4.2 प्रतिशत गिरकर 5.98 अरब डॉलर होने का अनुमान है।

दरअसल बैंकों ने 31 मार्च, 2025 को समाप्त वित्तीय वर्ष में 6.24 अरब डॉलर का कुल लाभांश भुगतान किया था और यह बीते वर्ष की तुलना में 15.3 प्रतिशत अधिक था। एसऐंडपी मार्केट इंटेलिजेंस की इक्विटी विश्लेषक तुषारिका अग्रवाल ने बताया, ‘लाभांश भुगतान में गिरावट का मूल कारण मार्जिन व लाभप्रदता संबंधित प्रतिकूल परिस्थितियों का एकजुट होना है।’

एचडीएफसी बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा सहित नामचीन बड़े बैंकों के बीते चार वर्षों में पहली बार प्रति शेयर लाभांश घटाने का अनुमान है। एस7पी मार्केट इंटेलिजेंस के अनुमान के मुताबिक एचडीएफसी बैंक का वित्त वर्ष 26 में प्रति शेयर लाभांश गिरकर 8.25 रुपये आ सकता है जबकि यह एक साल पहले 11 रुपये था। बैंक ऑफ बड़ौदा भी प्रति शेयर लाभांश को 8.35 रुपये से घटाकर 7.90 रुपये कर सकता है। अनुमानों के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक अपने लाभांश को 16 रुपये पर यथावत रख सकता है जबकि आईसीआईसीआई वित्त वर्ष 26 में लाभांश को बढ़ाकर 12 रुपये कर सकता है।

एसऐंडपी मार्केट इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में अग्रवाल ने बताया कि ब्याज दर में कटौती के कारण शुद्ध ब्याज मार्जिन पर दबाव आया है। साथ ही जमा कोष के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा होने से कोषों की लागत बढ़ रही है।

First Published - September 11, 2025 | 10:44 PM IST

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